नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जहां गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया है। इस पत्र में नागरिक सुरक्षा से संबंधित आपातकालीन शक्तियों को लागू करने का निर्देश दिया गया है, ताकि सावधानीपूर्वक उपायों को प्रभावी ढंग से अमल में लाया जा सके।
इस कदम का पृष्ठभूमि में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की, जिसमें लाहौर में ड्रोन हमले की पुष्टि हुई और पाकिस्तान के रक्षा तंत्र को निष्क्रिय किया गया। इन घटनाओं के बाद, सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
इस बीच, 7 मई, 2025 को देशभर में नागरिक सुरक्षा के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें 244 जिलों को शामिल किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की तैयारियों का मूल्यांकन करना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की जांच करना है। इस ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड, छात्रों और अन्य समूहों को शामिल किया गया, जो संभावित संघर्षों और अन्य emergencies के लिए व्यापक preparedness strategy का हिस्सा है।
गृह मंत्रालय के इस कदम से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि पाकिस्तान के साथ तनाव जारी है। इस घटनाक्रम से यह भी संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच स्थिति और बिगड़ सकती है, जिसके लिए भारत ने अपनी सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के कदम उठाए हैं।