गोपालगंज में गंडक नदी फिर से तबाही मचाने के कगार पर है। इसकी वजह है गंडक नदी पर डुमरिया पुल का निर्माण कार्य बंद हो जाना। पुल निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 13 में 11 मुहानों को बंद कर दिया है। जिसकी वजह से बरसात में तटबंध और छरकियों नदी पर पानी का दबाव बढ़ेगा, दबाव बढ़ने की वजह से गंडक नदी का बांध और छरकी टूट सकता है, जिससे पूरा शहर तबाह हो जाएगा।
15 जून से गंडक नदी के जल स्तर में होगी वृध्दि
दरअसल, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण की सीमा पर गंडक नदी में स्थित डुमरिया घाट पर पुल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है जिससे डुमरिया पुल के 13 में 11 मुहाने बालू व गाद जमा होने से बंद पड़े हैं। जिससे पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है, इसको लेकर एनएचएआई के अधिकारी और पुल निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी के संवेदक को निर्देश भी जारी किया गया है कि बालू से बंद पुल के मुहानों की साफ- सफाई करवाएं, लेकिन बार-बार निर्देश देने के बाद भी सफाई नहीं कराई गई। वहीं 15 जून से गंडक नदी के जल स्तर में वृद्धि होने की संभावना भी जताई जा रही है।
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पानी का दबाव बढ़ने से टूट सकता है बांध
इसको लेकर जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता और बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने इसपर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि डुमरिया पुल के मात्र दो मुहाने से पानी बह रहा है। ऐसे में पानी का प्रवाह नहीं होने पर दबाव की वजह से गंडक नदी का बांध और छरकी टूट सकता है। वहीं सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने पुल निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनएचएआई को निर्धारित समय तक काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है
गोपालगंज जिला बाढ़ से प्रभावित माना जाता है
गोपालगंज के प्रभारी डीएम अभिषेक रंजन ने खुद डुमरिया घाट पुल के निर्माण का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को नदी के बंद सभी मुहानों को खोलने का निर्देश दिया है। साथ ही निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी को मशीनरी की संख्या बढ़ाने को कहा है। बरसात से पहले पुल के मुहानों को नहीं खोला गया तो गंडक नदी इस बार भीषण तबाही मचा सकती है।
बता दें कि गोपालगंज जिला बाढ़ से प्रभावित माना जाता है। यहां के 6 प्रखंड के 62 से ज्यादा पंचायतें हर साल बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन इस बार गंडक नदी पर बन रहे डुमरिया पुल के बंद मुहानों को नहीं खोला गया तो बाढ़ से तबाही मच सकती है। बाढ़ विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के तराई क्षेत्रों में जून के पहले सप्ताह से बारिश तेज हो जाती है। वहीं बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 2 जून से ही पानी डिस्चार्ज होना शुरू हो गया है। मध्य नेपाल से निकलनेवाली गंडक नदी उत्तर भारत के सोनपुर में गंगा नदी में विलय हो जाती है।