श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई, जिनमें 24 भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय लोग और दो विदेशी पर्यटक (नेपाल और यूएई से) शामिल हैं। हमला पहलगाम के बाइसरण मीडो में हुआ, जो पर्यटकों के बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की स्थानीय शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को श्रीनगर में आयोजित एक श्रद्धांजलि समारोह में हमले में मारे गए लोगों को अंतिम विदाई दी। उन्होंने मृतकों के ताबूतों पर फूल चढ़ाकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा, “भारी मन से पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” समारोह में ताबूतों को सफेद चादरों से ढका गया था, और चारों ओर सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी थी।
पृष्ठभूमि में रंग-बिरंगे पारंपरिक डिजाइनों से सजा एक बैकड्रॉप भी बनाया गया था। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, छह आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर इस हमले को अंजाम दिया और कथित तौर पर धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया। यह हमला 2019 में पुलवामा हमले के बाद क्षेत्र में हुआ सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” पीएम मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया और भारत लौट आए। इस हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने स्थानीय खुफिया तंत्र (लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो) की विफलता पर सवाल उठाए हैं।
इस हमले के विरोध में आईपीएल मैचों में खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधकर शोक व्यक्त किया, और मैचों में आतिशबाजी व चीयरलीडर्स को भी हटा दिया गया। 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ा है, और इस हमले को उसी संदर्भ में देखा जा रहा है। सुरक्षा बलों ने इलाके में आतंकियों की तलाश तेज कर दी है, और चार आतंकियों की तस्वीरें भी जारी की गई हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।