5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 26 जुलाई 2022 से शुरू हुई नीलामी प्रक्रिया 1 अगस्त तक चली है। इन 10 दिनों में रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डाटा नेटवर्क्स ने बोली लगाई है। इसमें पहली तीनों कंपनियां तो टेलीकॉम सेक्टर की पुरानी प्लेयर्स हैं। लेकिन अडानी डाटा नेटवर्क्स पहली बार टेलीकॉम सेक्टर में कदम रख रही है।
1.50 लाख करोड़ की बोली
नीलामी प्रक्रिया में चार टेलीकॉम कंपनियों ने 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है। नीलामी की राशि सरकार के अनुमान से कहीं ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अलग अलग बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने एग्रेसिव प्रयास किया है। नीलामी समाप्त होने के बाद टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी में सभी बैंड के लिये अच्छी बोली लगी है। संभावना है कि अक्टूबर में 5जी सेवा देश के कुछ हिस्सों में शुरू हो जाएगी।
दो बार नहीं आया कोई खरीदार
वैसे तो 5जी के लिए दो बार पहले भी नीलामी प्रक्रिया संचालित हो चुकी है। 2016 और 2021 में संचालित नीलामी प्रक्रिया में कोई खरीदार ही नहीं पहुंच सका था। जबकि 2015 में नीलामी से प्राप्त 1.09 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड राजस्व से इस बार कहीं अधिक मिला है। नीलामी प्रक्रिया के दौरान UP East मार्केट के लिए यूनिट प्राइस बेस प्राइस से 91 करोड़ रुपये से 76.5 फीसदी से बढ़कर 160.57 करोड़ रुपये पर जा पहुंची।