Palestine-Gaza-Israel Attack: कतर में इजरायल और हमास के बीच 60 दिनों के संभावित सीजफायर और बंधक समझौते को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन गाजा में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार, 20 जुलाई 2025 को, उत्तरी गाजा में इजरायली फायरिंग में संयुक्त राष्ट्र की राहत सामग्री का इंतजार कर रहे 67 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि की है।
इजरायली सेना का कहना है कि उनके सैनिकों ने खतरे की आशंका पर चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई थीं और राहत ट्रकों को निशाना नहीं बनाया गया। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) एजेंसी ने बताया कि जैसे ही उनके 25 ट्रकों का काफिला गाजा में दाखिल हुआ, वहां पहले से इंतजार कर रही भूखी भीड़ इकट्ठा हो गई थी—उसी समय फायरिंग शुरू हुई।
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गाजा के स्थानीय निवासियों ने बताया है कि अब आटा जैसी बुनियादी जरूरत की चीजें भी मिलना लगभग असंभव हो गया है। कैथोलिक चर्च पर हुए हमले में तीन लोगों की मौत के बाद, नोब लियो ने युद्ध की बर्बरता की निंदा की और इसके तुरंत अंत की अपील की है।
भुखमरी की कगार पर गाजा
संयुक्त राष्ट्र और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि गाजा गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है। अब तक 71 बच्चों की मौत कुपोषण से हो चुकी है, जबकि 60,000 से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हैं। सिर्फ बीते 24 घंटे में ही 18 लोगों की जान भूख से गई है।
रविवार को इजरायली सेना ने दीर अल-बलाह क्षेत्र में पर्चे गिराकर लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी। इस बीच गाजा में कई जगहों पर विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं और सेना ने अपने सैन्य अभियानों को जारी रखने का संकेत दिया है।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इस संघर्ष में 58,000 से ज्यादा फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं। सीजफायर वार्ताओं के बावजूद जमीन पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।