Saraikela: सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल डैम बहुउद्देशीय परियोजना के तहत बनाया गया है। चांडिल डैम जलाशय से पश्चिम बंगाल जाने वाले मुख्य नहर कांदर बेड़ा मोजा स्थित रामगढ़ धगांर स्थित टाटा रांची हाइवे NH 33 में हाथी अंडर पास बनाया गया है । जहां TIG कंपनी द्वारा ट्रेनिंग देने के दौरान अवैध रूप से नहर का मेड़ को JCB से काटकर कब्जा कर लिया गया है ।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध कारोबार चल रहा है। ट्रेनिंग सेंटर के ऊपर मुख्य नहर में कॉरिडोर बनाए गए है । जिस रास्ते से गजराजो का झुंड आवाजाही करता है। NHAI के द्वारा बने हाथी अंडर पास के रास्ते में विभिन्न प्रकार का धंधा चल रहा है। जिससे प्रभावित हो कर दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के गजराज के झुंड अंडर पास रास्ता छोड़कर दूसरे रास्ते से हाइवे पार करने को मजबूर है। जिसको देखते हुए वन क्षेत्र पदाधिकारी , दलमा वन्यप्राणी पश्चिमी प्रक्षेत्र चांडिल द्वारा उपवन संरक्षण एवं क्षेत्र निदेशक , गज परियोजना जमशेदपुर को 19/O4/2023 को सूचित किया गया था।
अवैध रूप से लोहे स्लैग का हो रहा भंडारण
कांदरबेड़ा मोजा NH 33 ईको सेंसिटिव जोन में पड़ता है। जिसके किनारे अवैध रूप से लोहे स्लैग का भंडारण हो रहा है। वनपाल सागर कुमार द्वारा जांच करके थाना प्रभारी चांडिल और अंचल पदाधिकारी को लिखित सूचना दिया गया है। प्रशिक्षण ले रहे युवक ने कहा 38 हजार रुपया देकर 45 दिनों का कोर्स चलता है। नहर की चौड़ाई को JCB मशीन द्वारा कटाई करके कई लोग अवैध कब्जा कर चुके है।
सैंक्चुअरी छोड़ पलायन कर रहे गजराज
टाटा रांची NH 33 हाइवे में धड़ल्ले से अवैध टाल चल रहा है। साथ ही आसनवनी पंचायत क्षेत्र के ईको सेंसिटिव जोन और दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी की तराई में कई उद्योग लगाये गये है और कई बनने जा रहा है। जिसके कारण गजराज की झुंड का विचरण क्षेत्र सिमटने लगा है। जिसे आने वाले समय में उस क्षेत्र में गजराज आवाजाही बंद हो जाएगा। तीन से चार वर्षों से गजराज का झुंड सैंक्चुअरी छोड़ कर पलायन कर रहा है। विचरण क्षेत्र में अवैध उद्योग और भू माफिया द्वारा ईको सेंसिटिव जोन क्षेत्र को कब्जा करते नजर आए ।