सारण के छपरा समाहरणालय के प्रांगण में जिलाधिकारी अमन समीर के द्वारा जागरूकता रथ के रूप में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।जिलाधिकारी द्वारा बाल श्रम निषेध विशेष जागरूकता रथ को रवाना करते हुए बाल श्रम के बारे में विस्तार से बताया गया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से किसी भी प्रकार का कार्य तथा 14 से 18 वर्ष के किशोर से किसी भी खतरनाक श्रेणी का कार्य न लिया जाए। बाल श्रम में लिप्त बाल श्रमिकों को जिला स्तरीय धावा दल द्वारा विमुक्त कराया जाता है तथा समाज कल्याण विभाग द्वारा उन्हें पुनर्वासित किया जाता है।
दोषी नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाती है तथा 20 से 50 हजार तक का जुर्माना, 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा देने के अतिरिक्त एम सी मेहता बनाम स्टेट ऑफ तमिलनाडु मामले में पारित माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार 20000 रूपये जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में नियोजक द्वारा जमा कराया जाता है।
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12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस
जिलाधिकारी अमन समीर ने आगे कहा कि सहायक श्रमायुक्त कार्यालय (जे पी महिला कॉलेज के बगल में) के द्वारा लगातार बाल श्रम के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है। 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का आयोजन राज्य स्तर पर किया जाना है। श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेन्द्र राम तथा बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष चक्रपाणि हिमांशु के निर्देशानुसार बाल श्रम विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत दुकान प्रतिष्ठानों के बाल श्रम के विरुद्ध शपथ पत्र तथा बालश्रम से संबंधित स्टिकर चिपकाया जा रहा है।
वही इस मौके पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, उप नगर आयुक्त , विशेष कार्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, जिला नियोजन पदाधिकारी , श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी छपरा सदर , श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बनियापुर, सहायक श्रमायुक्त कार्यालय एवं समाहरणालय के कर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।