RANCHI : राज्य सरकार ने प्रस्तावित ‘झारखंड राज्य चिकित्सा से संबद्ध व्यक्तियों, चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति नुकसान निवारण) विधेयक, 2023’ पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसका ड्राफ्ट जारी करते हुए लोगों से 15 दिनों के भीतर सुझाव देने को कहा है। जिसके अनुसार चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा अथवा चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों द्वारा हिंसा, चिकित्सा सेवा अवरुद्ध करने सहित चिकित्सा सेवा संस्थान की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना निषिध होगा। इस तरह का कोई भी अपराध संज्ञेय होगा तथा इसमें दंड प्रकिया संहिता के नियम 41-ए के प्रविधान लागू होंगे। हॉस्पिटलों में हिंसक कार्रवाई करने तथा नुकसान पहुंचाने पर संबंधित दोषी व्यक्ति या व्यक्तियों को दो वर्ष के कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माना का दंड लगाया जा सकता है।
उपायुक्त करेंगे कमिटी गठित
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार तोड़-फोड़ करने पर हॉस्पिटलों में हुए नुकसान की भरपाई भी करनी होगी। यदि इसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जाती है तो पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। क्षतिपूर्ति के आकलन के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा तकनीकी समिति गठित की जाएगी। बता दें कि वर्तमान में यह विधेयक विधानसभा में है। राज्य सरकार विधानसभा में विधेयक को लाई थी। विधानसभा की प्रवर समिति के पास विचाराधीन प्रस्ताव को इसी वर्ष के बजट सत्र में चर्चा के बाद इसे प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था।
बिल के लिए हॉस्पिटल नहीं रोकेंगे शव
हॉस्पिटल इलाज के क्रम में मृत व्यक्तियों के स्वजन को बिल भुगतान की प्रतीक्षा किए बिना शव अंतिम संस्कार हेतु सुपुर्द करेंगे। हॉस्पिटल किसी भी हाल में शव नहीं रोकेंगे। भुगतान हेतु चिकित्सक अथवा हॉस्पिटल द्वारा नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सक एवं अस्पतालों का दायित्व होगा कि वे रोगी को दी जाने वाली या दी गई चिकित्सा से संबंधित पूरी सूचना लिखित रूप में पारदर्शी तरीके से रोगी अथवा उनके स्वजन को उपलब्ध कराएंगे।
परिजनों को देनी होगी स्पष्ट जानकारी
हॉस्पिटलों को अपने यहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधा तथा उसपर आनेवाले अनुमानित व्यय के संबंध में जनता को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराने हेतु अपने परिसर में के दृश्यमान जगह पर प्रदर्शित करना होगा। हॉस्पिटल राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा तय किए गए चिकित्सा नैतिकता का पालन करेंगे तथा आकस्मिक दुर्घटना मरीजों का प्राथमिक उपचार अनिवार्य रूप से करेंगे। इन प्रविधानों का उल्लंघन करने पर संबंधित हॉस्पिटल को निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी तथा चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु सक्षम प्रधिकार को अनुशंसा की जाएगी।