दुनिया का सबसे अमीर आदमी कौन है ? दुनिया की अमीर लोगों की सूची में टॉप 10 में किसका नाम है? ये Gk के ऐसे सवाल बन गए हैं, जो आम आदमी की जुबान पर भी चढ़े रहते हैं. लोगों को इन सवालों जवाब के जानने में बड़ी दिलचस्पी रहती है। फिलहाल तो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति टेस्ला वाले ऐलन मस्क हैं। लेकिन कभी अमीरी वाली इस सूची में भारतियों का भी दबदबा था। पिछले साल अगस्त की ही बात है जब भारतीय कारोबारी गौतम अडानी विश्व के अमीर लोगों की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। लेकिन इस साल 25 जनवरी अमेरिकी शोर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। इससे गौतम अडानी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
उनकी संपत्ति में बड़ी गिरावट आई थी, जिससे वो अमीरों की सूची में 30 वें पायदान तक फिसल गए थे। हालांकि, एक बार फिर शेयरों में तेजी लौटने से उनकी रैकिंग में सुधार हुआ है और वो 19वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उनके आलवा एक और भारतीय कारोबारी मुकेश अंबानी भी टॉप 20 में शामिल हैं।लेकिन कभी इस सूची में एक और भारतीय कारोबारी का नाम था। जो अमीरों की सूची में छठवें स्थान तक पहुंच गए थे. लेकिन उनकी पांच गलतियाँ उन्हें ले डूबी। वो कारोबारी कोई और नहीं बल्कि मुकेश अंबानी के ही भाई अनिल अंबानी हैं।
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कभी अमीरों की लिस्ट में छठे स्थान पर थे अनिल अंबानी
एक समय था, जब बिजनेस की दुनिया में अनिल अंबानी का बड़ा नाम था, उस वक्त उनका कारोबार भी काफी बड़ा था। अनिल अंबानी साल 2010 से पहले दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में शामिल थे । इस दौरान ऐसा भी समय आया जब वो दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे। लेकिन उनका ये अच्छा वक्त ज्यादा समय तक नहीं रहा। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ने लगी, कारोबार में नुकसान होने लगा। अब उनका लगभग हर बिजनेस संकट में है।
बटवारें में मिला नए जमाने का बिजनेस
दरअसल, दिवंगत धीरूभाई अंबानी ने 1958 में रिलायंस ग्रुप स्थापना की थी। साल 2002 में उनका निधन हो गया और देश के इस बड़े कारोबारी परिवार में कारोबार का बंटवारा हुआ। उनके दोनों बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी को अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां मिली। बड़े बेटे मुकेश अंबानी को पुराने बिजनेस से संतोष करना पड़ा, जिनमें पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल रिफाइनरी, तेल-गैस कारोबार शामिल था। तो वहीं छोटे बेटे अनिल अंबानी के खाते में नए जमाने के बिजनेस आए। उन्हें टेलीकॉम, फाइनेंस और एनर्जी बिजनेस सौंपा गया। अनिल अंबानी नए जमाने का बिजनेस मिलने के बाद भी वे कुछ खास कमाल नहीं कर पाए और आज उनकी कई कंपनियां दिवालिया हो गईं। वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी ने अपनी सूझ-बूझ से कारोबार को बुलंदियों पर पहुंचा और आज एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं।
अनिल अंबानी के डूबने के पांच कारण
- सही प्लानिंग ना करना – अनिल अंबानी को जब नए जमाने का कारोबार मिला, तो उन्होंने बेहद जल्दबाजी की। कारोबार को बढ़ाने के लिए बिना सही प्लानिंग के ही उन्होंने काम शुरू किया। ऐसा करना उन्हें काफी भारी पड़ा और नुकसान भी खुब उठाना पड़ा। वे बिना तैयारी के एक के बाद एक नए प्रोजेक्ट्स में रकम लगाते गए।
- ऊर्जा से लेकर टेलीकॉम सेक्टर का किंग बनने की जल्दबाजी – करोबार के बंटवारे के बाद से ही अनिल अंबानी ऊर्जा से लेकर टेलीकॉम सेक्टर का किंग चाहते थे। उन्होंने एक के बाद एक नए प्रोजेक्ट में दांव लगाना शुरू कर दिया था। जिनमें लागत अनुमान से ज्यादा आ रही थी और रिटर्न न के बराबर मिल रहा था. ये उनके पतन के बड़े कारणों में से एक है।
- एक कारोबार पर फोकस ना होना– कहते है सफल होने के लिए किसी एक चीज पर फोकस कर के काम करना चाहिए। बस इसी बात पर अनिल अंबानी ने अमल नहीं किया। किसी एक कारोबार पर फोकस से काम करने के बजाय वो एक से दूसरे कारोबार में कूदते रहे। जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ।
- नुकसान के बाद भी कर्ज लेकर नए प्रोजेक्ट्स शुरू करना – नए-नए प्रोजेक्ट में अनुमान से ज्यादा लागत होने के चलते उन्हें परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एडिशनल एक्विटी और देनदारों से कर्ज लेना पड़ा। कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता गया और जिन प्रोजेक्ट्स में उन्होंने कर्ज का पैसा लगाया, उनसे रिटर्न भी न मिल सका।
- महत्वाकांक्षा के फेर में फैसला लेना – अनिल अंबानी के बिजनेस के डूब जाने का एक बड़ा कारण महत्वाकांक्षा के फेर में पड़कर कारोबारी फैसला लेना भी है। वह कॉम्पिटीशन में बिना किसी रणनीति के कूद जाने में दिलचस्पी रखते रहे। जिससे उन्हें लगातार नुकसान झेलना पड़ा।