प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा-माओवादियों के ठिकानों पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की है। यह छापेमारी चर्चित नरेश सिंह भोक्ता हत्याकांड मामले में की गई है। एनआईए की टीम ने बिहार के औरंगाबाद में छापेमारी की है। एनआईए ने भाकपा-माओवादी के के पांच गिरफ्तार कमांडरों और दो संदिग्ध ओजीडब्ल्यू-समर्थकों के यहा तलाशी ली गई है। अधिकारियों ने छापेमारी में मोबाइल फोन, सिमकार्ड सहित कई आपत्तिनजक दस्तावेज जब्त किए हैं।
2 नवंबर 2018 को मुखबिरी के आरोप में नरेश भोक्ता की हत्या
गौरतलब है कि 2 नवंबर 2018 को प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं और नक्सली कमांडरों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर नरेश भोक्ता का अपहरण किया और कथित जनअदालत में मौत की सजा सुनाते हुए उसकी हत्या कर दी। नरेश का शव बिहार के औरंगाबाद जिला स्थित मदनपुर थानाक्षेत्र अंतर्गत बिगहा गांव के पास बरामद किया गया था। एनआईए लंबे समय से नरेश भोक्ता हत्याकांड की जांच में जुटी है। दरअसल, जून 2022 में एनआईए ने इस केस को बिहार पुलिस से अपने पास ट्रांसफर किया था। इस केस में फरवरी 2023 में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि इसमें भाकपा माओवादियों की संलिप्तता थी।
बुधवार को भी एनआईए ने मारा था छापा
इससे पहले बुधवार को एनआईए ने पलामू में भाकपा माओवादी स्टेट कमिटी सदस्य अभिजीत यादव और सब जोनल कमांडर रामप्रसाद यादव के आवास पर छापा मारा था। दोनों माओवादियों के घर पर कई दस्तावेज खंगाले गए। झारखंड सरकार ने टॉप माओवादी कमांडर अभिजीत यादव पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। हाल ही में एनआईए ने नक्सली दिनेश गोप को भी गिरफ्तार किया है। दिनेश गोप फिलहाल न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है।