[Team insider] झारखंड में पुलिसकर्मियों में आत्महत्या(Suicide) की प्रवृत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है। काम के बोझ और घरेलू परेशानी और मानसिक अवसाद कारण पुलिसकर्मी(Police) आत्महत्या कर रहे हैं। राज्य में पिछले तीन सालों में लगभग डेढ़ दर्जन वर्दीधारी विभिन्न कारणों से आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं।
लालजी यादव को 4 दिनों पहले किया गया था निलंबित
ताजा मामला पलामू के नावाबाजार थाने में दारोगा लालजी यादव ने सोमवार रात को सुसाइड कर लिया। दारोगा लालजी यादव 2012 बैच के थे और वह रांची के पिठौरिया थानेदार रह चुके थे। लालजी यादव को 4 दिनों पहले ही निलंबित किया गया था। उन पर डीटीओ के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप था। जिसको लेकर उन्हें निलंबित किया गया था।
पुलिस विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर मानसिक और पारिवारिक तनाव इस कदर हावी है कि वे आत्महत्या करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। पुलिसकर्मियों की आत्महत्या रोकने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कई कदम उठाये जा रहे है।
शुरू किया गया था ‘अभियान सम्मान’
पूर्व डीजीपी एमवी राव के आदेश पर 2020 में झारखंड पुलिस में 60 दिनों तक ‘अभियान सम्मान’ शुरू किया गया था जिसमें राज्यभर के सिपाही, हवलदार व चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए ‘अभियान सम्मान’ चलाया गया था।
पुलिसकर्मियों की तैयार की गई थी सूची
हाल ही में डीजीपी नीरज सिन्हा ने सुसाइड जैसे वारदातों को रोकने की दिशा में बड़ी पहल की थी। जिसमें पुलिसकर्मियों की आत्महत्या रोकने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने तनाव में रह रहे। पारिवारिक समस्या से जूझ रहे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की गई थी। डीजीपी के निर्देश पर आईजी ऑपरेशन अमोल वी होमकर ने सभी जिलों के एसपी और पुलिस की सभी शाखाओं के प्रमुखों को पत्र लिखा था।
पहले भी बनी थी तनाव से ग्रस्त पुलिसकर्मियों के लिए योजना
पुलिस मुख्यालय के स्तर पर पूर्व में भी तनाव से ग्रस्त पुलिसकर्मियों पर काम करने की योजना बनी थी। तब पुलिस मुख्यालय ने प्रत्येक पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के स्तर पर निगरानी के लिए एक एक पुलिसकर्मी आपस में ही मॉनिटरिंग की व्यवस्था का निर्देश जारी किया था। ऐसे में अगर किसी पुलिसकर्मी को लगता कि उससे संबंधित पुलिसकर्मी तनाव में है तो इसकी जानकारी ऊपर के पदाधिकारियों को देनी थी, ताकि तनाव में रहने वाले पुलिसकर्मी की काउंसिलिंग की जा सके। हालांकि यह व्यवस्था काम नहीं कर पायी थी।
छह दिनों की ड्यूटीवाली य़ोजना नहीं हुई सफल
सिपाही और हवलदार स्तर के पुलिसकर्मियों के लिए रोजाना आठ घंटे काम और सप्ताह में छह दिनों की ड्यूटी वाली योजना भी सफल नहीं हुई। पूर्व डीजीपी डीके पांडेय ने आदेश जारी की थी लेकिन इस आदेश का पालन ग्राउंड स्तर पर नहीं दिखा। इसकी सबसे बड़ी वजह है पुलिसकर्मियों की कमी। जब एक शिफ्ट में ही पुलिसकर्मी कम पड़ रहे हैं, तो तीन शिफ्टों में ड्यूटी कर इस आदेश का पालन करवाया जाना मुमकिन कैसे होगा।
पुलिसकर्मी कर रहे हैं आत्महत्या
10 जनवरी 2022 को पलामू के नावाबाजार थाना से निलंबित दरोगा लालजी यादव ने पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली। 17 जनवरी 2021 को रांची के बुढ़मू थाने में तैनात सिपाही ने गोली मारकर की खुदकुशी, रात में ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान उसने अपने ही हथियार से खुद को गोली मार ली थी। 5 मई 2021 को साहेबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव उनके सरकारी आवास पर फंदे से लटका मिला था। हलांकि य़ह मामला काफी विवादों में रहा था। 5 मई 2021 को साहेबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव उनके सरकारी आवास पर फंदे से लटका मिला था। हलांकि य़ह मामला काफी विवादों में रहा था।
2020 में भी हुयी है आत्महत्याएं
14 अप्रैल 2020- जमशेदपुर के गुड़ाबांदा थाने के एसआइ पूर्ण चंद्र मुंडा ने बैरक में अपने साथ हरि कुंवर मुंडा की एके-47 से खुद पर दो राउंड गोली चला दी थी और घायल हो गये थे। 10 जुलाई 2020- जमशेदपुर जिले के गोलमुरी पुलिस लाइन के फ्लैट में रहनेवाले सहायक सब इंस्पेक्टर तरुण पांडेय ने सर्विस रिवाल्वर से सिर में गोली मार कर आत्महत्या कर ली।
2019 भी रहा वैसा ही
26 मई 2019- पालकोट थाना में पदस्थापित जैप हवलदार संतोष कुमार महतो ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। 12 जून 2019- गिरिडीह जिला पुलिस बल के 38 वर्षीय जवान राहुल कुमार राय ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार कर ली। 26 जून 2019- जमशेदपुर के चाकुलिया थाना में पदस्थापित एएसआइ याकूब आइंद का शव थाने के पीछे खाली क्वार्टर के बरामदे में फंदे से झूलता मिला। 23 अगस्त 2019- रांची बीआइटी मेसरा ओपी परिसर में मुंशी दीपक पटेल ने पंखे के सहारे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। 12 सितंबर 2019- पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में झारखंड पुलिस के दो सिपाहियों ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। 25 अक्टूबर 2019- सरायकेला जिले के दुगनी स्थित सीआरपीएफ 196 बटालियन के कैंप परिसर में सीआरपीएफ जवान मोहम्मद सैफुद्दीन अहमद ने आत्महत्या कर ली, जवान का शव पेड़ से लटका मिला था।