बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है। इस घटनाक्रम के बाद महागठबंधन सरकार के खिलाफ अलग-अलग पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। आरएलजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस बयान दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने को ट्वीट कर कहा-“जर्जर किला को ढहने के लिए एक-एक नहीं, बल्कि एक ईंट का खिसकना ही काफी है। यह तो मात्र ट्रेलर है। देखते जाइए, एक के बाद एक दृश्य। जल्दी ही “द एंड” वाला सीन भी आ ही जाएगा”।
सियासी घटनाक्रम पर BJP की पैनी नजर
वहीं बिहार में शुरू इस नए सियासी घटनाक्रम पर बीजेपी नजर बनाए हुए हैं। इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर बीजेपी की पैनी नजर है। बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि जीतन राम मांझी कोई भी फैसला बहुत ही सोच समझकर लेते हैं। जीतन राम मांझी को कोई भ्रमित नहीं कर सकता है। वे बहुत पुराने नेता हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ दलित समाज के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। मांझी के बार बार सवाल उठाने के बावजूद उनकी बातों को नजर अंदाज किया जा रहा था। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जीतन राम मांझी का इस्तीफा यह दर्शाता है कि महागठबंधन में सब ठीक नहीं है। नीतीश के सहयोगी दलों का साथ छोड़ना बता रहा है कि विपक्षी एकता विफल हो जाएगी।