RANCHI : वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे पर आईपीएच नामकुम में रक्तदाता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में परियोजना निदेशक, झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, विशिष्ट अतिथि निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह एवं निदेशक आईपीएच डॉ जॉन एफ कैनेडी मौजूद थे। डॉ भुवनेश प्रताप ने कहा कि रक्तदान जैसे अभियान से जुड़ कर उन्हें मानव सेवा करने का दायित्व मिला जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। लेकिन राज्य के जरूरतमंदों लोगों को ससमय ब्लड बैंकों के माध्यम से रक्त उपलब्ध करवाने संबंधित कार्य में आनंद की अनुभूति होती है। विभाग में आने के बाद उन्होंने पहली बार रक्तदान किया तथा लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने का युवाओं तथा SHG को प्रयास करना होगा।
जागरूकता से बढ़ रहा कलेक्शन
आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ने के कारण झारखंड में रक्त संग्रह करने में भी वृद्धि हुई है। 2020-21 में झारखंड में विभिन्न रक्त कोषों के माध्यम से झारखंड में 218154 यूनिट रक्त संग्रह किए गए, जबकि 2021-22 में 257877 यूनिट पहुंचा। 2022-23 में आम लोगों की जागरूकता के साथ निजी तथा सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं के अथक प्रयास से यह आंकड़ा बढ़ते हुए क्रम में 320294 यूनिट तक जा पहुंचा है। आम लोगों में जागरूकता के कारण झारखंड राज्य में रक्त की कमी काफी हद तक दूर हो सकी है। इनमें महिलाओं की अहम भूमिका है। राज्य में महिलाओं में खून की कमी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। हर 10 महिला में से 5 महिला को खून की कमी है। इसके लिए जिलावर ऐसी महिलाओं की सूची स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार की गई है। जिससे कि जिलों में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु विशेष अभियान चलाया जाएगा ताकि एनीमिया ग्रसित महिलाओं को लाभ मिल सके। वैसे जिलों को भी चिन्हित किया जा रहा है जहां एनीमिया के मरीज ज्यादा है।
सोशल मीडिया पर एक्टिव लोग जागरूक करें
समारोह में आए लोगों से परियोजना निदेशक ने आग्रह किया कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने हेतु जन जागरूकता के साथ-साथ युवाओं को भी शामिल करें ताकि युवा जागरूक होकर अधिक से अधिक रक्तदान कर सकें। स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता हेतु अपने-अपने क्षेत्रों में सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों की सूची तैयार कर लोगों को जागरूक करें। इस समारोह में 128 लोगों को सम्मानित किया गया। इनमें से 50 बार से अधिक रक्तदान करने वाली महिलाएं 7, 100 बार से अधिक रक्तदान करने वाले 24 , 18 वर्ष से 30 वर्ष तक 25 बार से अधिक रक्तदान करने वाले 54 लोग थे। इसके अलावा शिविर लगाने वाले 43 लोग जो सरकारी एवं निजी संस्थान में रक्तदान शिविर का सफल आयोजन में करने वाले शामिल है।