इंडो-नेपाल के भिखनाठोरी बॉर्डर पर नेपाल द्वारा ठोकर का निर्माण कराया जा रहा है। यह ठोकर पंडई नदी के ऊपर ठूठे खोला पुल के पास नीचे नदी में बनाया जा रहा है। इससे भिखनाठोरी के भारतीय नागरिकों में संशय की स्थिति है। उनका मानना है कि पिलर संख्या 435/1 से पश्चिम की तरफ सीता खोला से मिलान करने पर ठोकर निर्माण वाली जगह नो मैन्स लैंड से काफी करीब है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिस जगह ठोकर बन रहा है वह नो मैन्स लैंड के करीब है। उन्होंने इसकी जांच कर उचित पहल करने की मांग भारतीय प्रशासन से की है।
भिखनाठोरी गांव पर बढ़ा कटाव का खतरा
भिखनाठोरी के ग्रामीण पुनेश्वर सिंह, रामेश्वर चौधरी, अंचल चौधरी, हसनैन खा आदि ने बताया कि नेपाल द्वारा ठोकर का निर्माण कराए जाने से भिखना ठोरी गांव पर कटाव का खतरा बढ़ गया है। 2017 की बाढ़ में गांव के करीब तीन दर्जन लोगों के घर कट गए थे। ठोकर निर्माण से अब नदी की धारा मुड़कर सीधे भिखना ठोरी गांव पर कहर बरपाएगी। भिखनाठोरी बॉर्डर पर वर्ष 2006 में दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण को लेकर विवाद हुआ था। तब दोनों देशों के नागरिक आमने सामने हो गए थे। लंबे समय तक पैमाईश हुई थी।