बिहार में होने वाली विपक्षी एकता वाली बैठक में अब 24 घंटे से कम समय बचा है। कई विपक्षी दलों के नेता आज पटना पहुंच चुके हैं। जबकि बाकि कल पटना पहुंच जाएंगे। इनसब के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिससे विपक्षी एकता वाली बैठक को बड़ा झटका लग सकता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी एक शर्त पर अड़ गए हैं। उनकी मांग केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में लाए जा रहे अध्यादेश को लेकर विपक्षी एकता बैठक में चर्चा करने की है। ऐसी खबर है कि केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन चाहते हैं। ऐसा ना होने पर वो विपक्षी एकता वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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पहले लिखी चिठ्ठी लिखकर की मांग
दरअसल पूरा मामला दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार से जुड़ा हुआ है। ये अधिकार दिल्ली के LG के पास था। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये अधिकार देने का आदेश दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार LG को अधिकार देने को लेकर अध्यादेश लाने जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते है कि जब संसद में ये अध्यादेश आए तो विपक्षी पार्टियां इसका विरोध करें। इसको लेकर वो कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके है। अब जब सभी विपक्षी दलों के नेता एक साथ एक बठक में शमील होने जा रहे हैं तो केजरीवाल की मांग है कि इस विषय पर भी चर्चा जरुर हो।
इसके लिए उन्होंने कल एक चिट्टी भी लिखी थी। जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर भाजपा राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर राज्य सरकारों का अधिकार छीन लेगी। इसलिए बैठक में सबसे पहले इसी पर चर्चा होनी चाहिए।
अब दे रहे अल्टीमेटम
अध्यादेश के खिलाफ में केजरीवाल को कुछ दलों का समर्थन मिल भी जाएगा लेकिन मामला कांग्रेस पर आकर अटकता दिखता है। केजरीवाल पहले ही समर्थन की मांग को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहते थे। लेकिन खबर ऐसी है कि कांग्रेस केजरीवाल के समर्थन में नहीं है इसलिए मिलने को भी कन्नी कट ली। कई बड़े कांग्रेसी नेता तो खुले तौर पर कह चुके हैं कि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी। ऐसे में कांग्रेस की सहमती पर अभी भी बड़ा प्रश्न चिन्ह है। यही कारण है कि अब केजरीवाल की तरफ से अल्टीमेटम दे दिया गया है कि यदि कांग्रेस अध्यादेश के खिलाफ आप के समर्थन के लिए तैयार होगी, तभी केजरीवाल विपक्षी एकता बैठक में शामिल होंगे।