JAMSHEDPUR/DHANBAD : टाटा स्टील, झरिया डिवीजन को 2023 के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक इको-इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सस्टेनेबल माइनिंग अभ्यासों, विशेष रूप से भूमिगत कोयला खदानों में भंडारण के लिए औद्योगिक अस्वीकृत पदार्थों के अभिनव उपयोग के लिए टाटा स्टील की उल्लेखनीय प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।
यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया की अध्यक्षता में इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा आयोजित पर्यावरण प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन पर 24वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया। टाटा स्टील के जामाडोबा ग्रुप के चीफ नरेंद्र कुमार गुप्ता और टाटा स्टील के झरिया के प्लानिंग हेड राज अंकुर ने कंपनी की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।
सस्टेनेबिलिटी के लिए लगातार प्रयास
टाटा स्टील ने रॉ मैटेरियल के खनन से लेकर अपने परिचालन में सस्टेनेबिलिटी को लगातार प्राथमिकता दी है। क्षेत्र में कंपनी के महत्वपूर्ण प्रयासों ने ईको-इनोवेशन श्रेणी में इसकी पहचान सुनिश्चित की है, जो इसकी नेतृत्व स्थिति को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मैटेरियल, डी. बी. सुंदरा रामम ने कहा कि, टाटा स्टील माइनिंग सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं में सस्टेनेबिलिटी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। झरिया डिवीजन ने एक सदी से अधिक लंबे समय से सस्टेनेबल माइनिंग की दिशा में एक मील का पत्थर स्थापित किया है। बताते चलें कि टाटा स्टील ने अपने खनन कार्यों को डीकार्बोनाइज करने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ हाई-स्पीड डीजल के बजाय तरलीकृत प्राकृतिक गैस जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने के लिए ट्रायल रन शुरू किया है।