बिहार के स्कूलों या विश्वविद्यालय से शिक्षक अक्सर बिना छुट्टी लिए नदारद रहते है। शायद ही कोई ऐसा स्कूल या विश्वविद्यालय हो जहां सारे शिक्षक उपस्थित होते है। जिसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग द्वारा कई विश्वविद्यालयों में जांच कराए गए, जहां बिना छुट्टी लिए नदारद रहने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, इसके साथ ही उनके एक दिन का वेतन भी काट लिया गया है।
गैरहाजिर शिक्षकों की वेतन हुई स्थगित
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के रुप में केके पाठक ने कार्यभार संभाला है। कार्यभार संभालते ही केके ने शिक्षकों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। सचिव ने विश्वविद्यालयों व अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों के उपस्थिति की जांच के आदेश दिए। इस दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों से 1096 शिक्षक और कर्मचारी ड्यूटी से गायब पाए गए हैं। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। बिना छुट्टी लिए नदारद रहने वाले शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट लिया गया है, वहीं उनके वेतन को भी स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर रोजाना रिपोर्ट देने को कहा था। इस आदेश के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति की रिपोर्ट हर दिन विभाग को भेजी जा रही थी। जिसमें 1096 शिक्षक और कर्मचारी ड्यूटी से गायब पाए गए हैं।
विश्वविद्यालयों में गैरहाजिर शिक्षकों और कर्मियों में बीआरए बिहार विवि से 630, बीएन मंडल विश्वविधालय के 190, वीर VKSU के 93, पाटलिपुत्रा विश्वविधालय के 77, एलएनएम विश्वविधालय के 68, मगध विश्वविधालय के 12, मुंगेर विश्वविधालयके 12, पूर्णिया विश्वविधालय के 9 और PU के शिक्षक ड्यूटी से गायब पाए गए हैं।