2024 लोकसभा चुनाव में अब एक वर्ष से भी कम का समय बचा है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की रणनीति में जुटी है। वहीं, भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता रेटिंग में वृद्धि ने 2024 में ग्रैंड फिनाले से पहले कांग्रेस को फिर से जीवंत कर दिया है। बाकी पटना की बैठक के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी की स्वीकार्यता ने 2024 की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया।
नॉन-सीरियस नेता के टैग से छुटकारा
राहुल गांधी सियासत में लगभग डेढ़ दशक बिता चुके हैं, फिर भी उन पर नॉन-सीरियस राजनीति का आरोप लगता राहा है। उनके विरोधी यह कहते हैं कि हर थोड़े से अंतराल के बाद वे राजनीति से ब्रेक ले लेते हैं। भारत जोड़ो यात्रा के बाद देश की जनता में काफी हद तक यह संदेश गया है कि वह अब पार्ट टाइम पॉलिटिशन नहीं हैं। अपनी आलोचनाओं से बेपरवाह होकर जिस तरह से वह लगातार यात्रा को लीड करते रहे, लोगों से मिलते रहे, अहम मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करते रहे, उससे कहीं न कहीं यह संदेश गया कि राहुल अब गंभीर राजनीति के लिए तैयार हैं।
लोगों से जुड़ाव और संवाद
भारत जोड़ों यात्रा में राहुल गांधी लोगों के बीच जाकर उनसे मिलते जुलते रहे। किसी का हाथ पकड़ कर चलते, कभी उंगली थामे तो कभी किसी बुजुर्ग मां को गले लगाते दिखे। उसने उन्हें एक मास लीडर के तौर पर उभारने का काम किया है। राहुल गांधी अपने अमेरिका दौरे में वाशिंगटन डीसी से लेकर न्यूयॉर्क तक ट्रक की यात्रा की। इससे पहले राहुल ने दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक ट्रक में बैठकर यात्रा की थी। राहुल गांधी कभी दिल्ली की सड़कों पर स्टूडेंट्स के बीच पानी-पूरी खाने चल देते हैं या फिर घरों में खाना पहुंचाने वाले होम डिलीवरी बॉय के स्कूटर पर सवारी करने चल देते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद इस तरीके से सीधे तौर पर लोगों से मिलने की यह अनूठा तरीका लोगों को पसंद आ रहा है।
‘पप्पू’ की छवि से छुटकारा
अब इस बात पर व्यापक सहमति है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘पप्पू’ की अपनी पुरानी छवि को त्याग दिया है। राहुल गांधी बीजेपी द्वारा बनाई गई “पप्पू” वाली इमेज से बाहर निकालकर एक गंभीर नेता के रूप में स्थापित हो गए है। राहुल गाधी ने भी कहा था कि उनकी छवि बिगाड़ने के लिए बीजेपी ने करोड़ों रुपये लगा दिए। उनकी छवि खाराब बनाई गई थी, वह पोस्टर अब फट गया।