कहते है प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, और प्यार हो जाए तो शादी किसी भी उम्र में की जा सकती है। लेकिन यह अक्सर पसंद की शादी में देखने को मिलता है। कि एक उम्र के बाद भी शादी होती है। पर यहां मामला थोड़ा अलग है। स्थानीय लोगों ने ही दो बुजुर्ग की शादी करवाई, यह शादी अरेंज मैरिज थी, जिसमें स्थानीय लोग बाराती बने। खबर सुपौल से है, जहां बुधवार की देर शाम निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल के मुख्य द्वार के पास एक जोड़ो ने सात फेरे लिए, इस दौरान वहां स्थानीय लोगों के साथ ही अस्पताल के कई कर्मचारी मौजूद रहें। जोड़े की शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई। दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाकर सात फेरे लिए।
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दूल्हा-दुल्हन भीख मांग करते है गुजारा
दुल्हन 50 वर्षीय गंगिया देवी औरंगाबाद की रहने वाली है, जबकि दूल्हा 54 नथुनी यादव मधुबनी जिले के राजबलीगढ़ का रहने वाला है। दुल्हन के बारे में बताया जा रहा है कि शादी के 2 साल बाद ही गंगिया देवी के पति की मौत हो गई थी। जिसके बाद से वह निर्मली नगर पंचायत में भीख मांग कर गुजारा करती है। जबकि दूल्हे ने अभी तक शादी नहीं की थी, दूल्हा नथुनी यादव निर्मली बाजार में ही भीख मांग कर गुजारा करता है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने दोनों का विवाह करवाने के बारे में सोचा। स्थानीय लोगों ने ही दोनों की शादी कराने के बारे में चर्चा की और दोनों की राय ली। शादी के लिए दोनों बुजुर्ग तैयार हो गए। जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से दोनों की शादी करवाई गई, दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाया और कार्टून जला कर सात फेरे लिए।