बिहार पुलिस के कारनामे की चर्चा होती रहती है। काम में लापरवाही बरतने, धुसखोरी को बढ़ावा देने, कमजोर लोगों पर हाथ उठाने इसके अलावा कई कारनामों को लेकर चर्चा में रहती है सिवाए अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश कसने के। उनके इस लापरवाही पर अंकुश लगाने के लिए सहरसा एसपी ने 16 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एसपी ने 300 दिनों से अधिक लंबित कांडों के निष्पादन को लेकर कई पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करते हुए उनके वेतन बंद करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, सहरसा में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने शुक्रवार को 300 दिनों से अधिक समय से लंबित कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरतने और शिथिलता के लिये थानाध्यक्षों, ओपी अध्यक्षों, पुलिस शिविर प्रभारियों एवं अनुसंधानकों का वेतन बंद करने का निर्देश दिया है। जिले के 16 पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
जिन पुलिस अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा है उनमें, सदर थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार, अपर थानाध्यक्ष सौरबाजार राजेश कुमार, ओपी अध्यक्ष पतरघट ज्ञानानन्द अमरेन्द्र, पुलिस शिविर प्रभारी बैजनाथपुर संजय दास, थानाध्यक्ष बिहरा अकमल हुसैन, थानाध्यक्ष महिषी शिवशंकर कुमार, थानाध्यक्ष नवहट्टा सरोज कुमार, थानाध्यक्ष बनगांव विनोद कुमार, थानाध्यक्ष सलखुआ गुड्डू कुमार शामिल हैं।
इनके अलावा थानाध्यक्ष बसनही अविनाश कुमार, बैजनाथपुर थाना पुलिस अवर निरीक्षक संजय कुमार सिंह, बिहरा थाना पुलिस अवर निरीक्षक रामव्रत प्रसाद, सौरबाजार थाना पुलिस अवर निरीक्षक संजय कुमार, सदर थाना पुलिस अवर निरीक्षक सुशील कुमार मरांडी, बिहरा थाना पुलिस अवर निरीक्षक चन्द्रशेखर तांती और महिषी थाना पुलिस अवर निरीक्षक सत्यजीत फौजदार का वेतन बंद करने का निर्देश दिया गया है। एसपी की इस कार्रवाई से जिले के पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है।