[Team insider] राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार राज्य के डीजीपी नीरज कुमार सिन्हा को राजभवन बुलाया।जंहा उन्होंने सिमडेगा जिला के कोलेबिरा में मॉब लिंचिंग की घटना की वस्तुस्थिति की जानकारी ली।जिसमें संजू प्रधान की मृत्यु हुई थी।राज्यपाल ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे अत्यंत पीड़ादायक बताया है।
राजपाल ने ली पूरी जानकारी
दरअसल सिमडेगा मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर लगातार सीबीआई जांच की मांग विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी कर रही हैं। वहीं मृतक संजू प्रधान की पत्नी ने भी राज्यपाल से गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग करते हुए खौफनाक मंजर को भी बयां किया था। ऐसे में राज्यपाल ने इस मामले पर हस्तक्षेप करते हुए राज्य के डीजीपी से इस पूरे मामले की जानकारी ली है।
राज्यपाल से मृतक की पत्नी ने लगाई थी गुहार
मृतक संजू प्रधान की पत्नी सपना कुमारी ने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में पूरी घटनाक्रम की जानकारी दी थी।जिसमे बताया था कि 4 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे उनके घर बम्बलकेरा के ग्राम प्रधान सुबन बुढ़, ग्राम सचिव नेल्सन बुढ़, मार्शल मुंडा की अगवाई में लगभग 500 लोगों की भीड़ ने उनके घर आकर घटनाक्रम को अंजाम दिया। ग्रामीणों ने संजू प्रधान को घर से खींच कर निकाला और कुछ दूर दूर ले जाकर उनके साथ मारपीट करने लगे। उन्हें पत्थर और लाठी डंडे से पीट कर अधमरा कर दिया गया। इतने में भी जब भीड़ नहीं मानी तो उन्होंने घटनास्थल पर घर के जलावन को चीता की तरह बनाकर अधमरे संजू को जलते चीता में फेंक दिया।
मुखदर्शक बनी रही पुलिस
उन्होंने बताया कि उनके और उनकी सास के द्वारा बचाव करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्हें भी पीटा गया और उनकी मां को आग में धकेलने का प्रयास किया गया।उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम के दौरान भीड़ के साथ पुलिस प्रशासन भी मौजूद थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अपने आप को बचाते हुए ठेठईटांगर थाना प्रभारी इंद्रेश कुमार के समक्ष पैर पकड़ कर अपने पति की जान की रक्षा करने के लिए गिड़गिड़ाया गया। लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। वह मूकदर्शक बनकर घटनास्थल पर घटनाक्रम का वीडियो बनाते रहे।