JAMSHEDPUR : रेलवे के लैंड डिपार्टमेंट और आरपीएफ की कार्रवाई से परेशान होकर बागबेड़ा थाना अंतर्गत ट्रैफिक कॉलोनी निवासी रेल कर्मचारी सुनील कुमार पिल्ले ने आत्मदाह कर लिया था। इलाज के दौरान टाटा मेन अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरपीएफ ने बयान जारी कर घटना के मुख्य कारण को मीडिया के समक्ष रखा। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एसके तिवारी और लैंड डिपार्टमेंट के आरके सिंह ने बताया कि वे लोग आदेश पर निर्माण कार्य करवाने गए थे। रेलवे बोर्ड की ओर से उन्हें आदेश दिया गया था कि उक्त स्थल पर ओमप्रकाश का दखल है। जिसपर वे निर्माण कार्य कर रहे है लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। इस मामले को लेकर ओमप्रकाश ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
2011 में जमीन का ट्रांसफर
वहीं लैंड डिपार्टमेंट की ओर से आरके सिंह का कहना था कि साल 1984 में उक्त जमीन व्रिक्रमा तिवारी को लीज पर दी गई थी। एक बार लीज भरने के बाद कोई राशि नहीं दी गई। उन्हें कई बार नोटिस भी किया गया पर कोई जवाब नहीं दिया गया। साल 2011 में उक्त जमीन ओमप्रकाश कसेरा को ट्रांसफर कर दी गई। ओमप्रकाश ने साल 1984 से लेकर 2011 तक की बकाया राशि भरने का भी भरोसा दिया। उन्होंने लीज की रकम भी दे दी। इसके बाद भी उक्त जमीन पर सुनील पिल्ले अपना कब्जा बता रहे थे। आरपीएफ ओसी एसके तिवारी ने बताया कि उनसे जमीन के कागजात मांगे गए पर उन्होंने कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया। वहीं सभी आत्मदाह का प्रयास करने लगे। इसलिए परिजनों को पकड़कर ले गए थे। लेकिन घर में उसने खुद को आग लगा लिया।
मृतक की पत्नी ने दर्ज कराया केस
सुनील की मौत के बाद रविवार को उनकी पत्नी ने बागबेड़ा थाना में लिखित शिकायत की है। उन्होंने आरपीएफ और लैंड डिपार्टमेंट पर आत्महत्या करने के लिए उनके पति को प्रेरित करने का आरोप लगाया है. साथ ही कार्रवाई की मांग की है।