JAMSHEDPUR : कहने को तो लौहनगरी जमशेदपुर को मिनी मुंबई का दर्जा प्राप्त है। लेकिन कंपनी कमांड एरिया को छोड़ गैर कंपनी इलाकों की सड़कों का खस्ताहाल है। जहां पर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं ने न केवल जिले की ट्रैफिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है बल्कि जिला प्रशासन और प्रशासनिक व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 6 महीने में शहर व आसपास के इलाकों में कुल 164 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिसमें 99 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, जबकि 92 लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क हादसे थमने का नाम क्यों नहीं ले रहे?
सड़कों का बुरा हाल
एक तरफ जमशेदपुर की सड़कें चाक-चौबंद नजर आती है, दूसरी तरफ गैर कंपनी क्षेत्र के की सड़कों का बुरा हाल है। जवाबदेही किसकी होनी चाहिए यह तय नहीं है। जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक महकमे का ध्यान इस ओर क्यों नहीं जाता जो चिंता का विषय है। वहीं इस संबंध में प्रभारी डीएसपी अनिमेष गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में सड़क हादसों में तेजी आई है। ज्यादातर युवा वर्ग इसके शिकार हो रहे है। डेंजर जोन चिन्हित कर स्पीड ब्रेकर और साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने युवाओं से वाहन चलाते वक्त सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की। साथ ही वाहन जांच अभियान तेज करने की बात उन्होंने कही।
इस साल की घटनाएं
- जनवरी महीने में 27 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 21 लोगों की मौ’त, 16 लोग घायल
- फरवरी महीने में 29 सड़क हादसे में 19 लोगों की मौ’त, 18 लोग घायल
- मार्च महीने में 20 सड़क दुर्घटनाएं हुई इनमें से 9 की मौ’त, 12 घायल हुए
- अप्रैल महीने में 22 सड़क दुर्घटनाओं में 14 की मौ’त, 9 लोग घायल
- मई महीने में 35 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 20 लोगों की मौ’त, 18 घायल
- जून महीने में 31 सड़क दुर्घटनाओं में 16 लोगों की मौ’त, 19 लोग घायल