बिहार में मानसून सत्र के तीन दिन हंगामें की भेंट चढ़ गए हैं। इन तीन दिनों में सिर्फ 67 मिनट ही कार्रवाई चली है। आज चौथे दिन कार्रवाई शुरू होने से पहले भाजपा विधानसभा मार्च निकाल रही है। जिसके जरिए भाजपा कई मुद्दों पर बिहार सरकार को घेरेगी। विधानसभा मार्च को लेकर खुब सियासी बयानबाजी भी तेज है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बयानवीरों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। महागठबंधन में जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने भाजपा पर हमला बोला तो उसका जवाब भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने भी पलटवार किया।
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नकारात्मक विपक्ष है BJP- अभिषेक झा
जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि यह बिहार का दुर्भाग्य है कि बिहार में भाजपा के रूप में एक नकारात्मक विपक्ष है जिसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता ओछी और घटिया राजनीति करना है। सदन जनता के पैसों से जनता के लिए चलता है और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों का हल होना चाहिए। भाजपा के लोग सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपने सवाल सदन में उठा सकते थे लेकिन विधानसभा मार्च के माध्यम से यह लोग राजनीतिक नौटंकी को बढ़ावा दे रहे हैं। सड़कों पर लोटपोट कर प्रदर्शन करेंगे।बिहार भाजपा के नेताओं को चुनौती है कि केंद्र की सरकार से बिहार के हक का सवाल पूछें। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा कब मिलेगा? दरभंगा एम्स और पूर्णिया एयरपोर्ट का मसला कब हल होगा? बेरोजगारी और महंगाई कब दूर होगी? गरीबों के खाते में पैसे कब आएंगे?बिहार भाजपा के नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं है कि अपने आलाकमान को नाराज कर सकें इसीलिए इस तरह की राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं। बिहार की जनता इनके असली चेहरे और चरित्र को पहचान चुकी है और आने वाले चुनाव में इनका सूपड़ा साफ कर देगी।
बिहार में है अघोषित आपातकाल -डॉ० निखिल आनंद
भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में अघोषित आपातकाल लागू है और आम जनता के हक- अधिकार का दमन और उत्पीड़न हो रहा है। बिहार सरकार का शिक्षा विभाग एक दिन में चार सर्कुलर जारी कर शिक्षकों को धमकी दे रहा है। भाजपा के विधानसभा मार्च को लेकर सरकार सकते में है। पूरे बिहार में शिक्षकों को नजरबंद किया जा रहा है और देर रात उनके घरों से उठाकर जेल में बंद किया जा रहा है। जो लोग संविधान की दुहाई देते थे वे आज तमाम संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं। बिहार के छात्रों- युवाओं- शिक्षकों की सभी मांगे पूरी करे नीतीश सरकार अन्यथा इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। जनता इस निरंकुश जदयू- राजद महागठबंधन सरकार को उखाड़ फेंकेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ जवाब देने से ही नहीं भाग रहे बल्कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से भी भाग रहे हैं।