3 बच्चों के चक्कर में छपरा नगर निगम की मेयर राखी गुप्ता बर्खास्त हो गईं हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने राखी गुप्ता को पदमुक्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार राखी गुप्ता ने चुनाव में नामांकन के वक्त हलफनामा में गलत जानकारी दी थी। हलफनामे में राखी ने अपने दो जीवित संतान का जिक्र किया था। रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता के तीन जीवित संतान हैं, उसमें दो बेटी और एक बेटे का जिक्र है। बता दें कि दिसंबर 2022 में राखी ने छपरा नगर निगम से मेयर का चुनाव जीता था।
पूर्व मेयर ने सदस्यता रद्द करने की मांग की थी
पूर्व मेयर सुनीता देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए राखी की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। सुनीता देवी ने राखी पर तीन बच्चे होने का आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया कि मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने शपथ पत्र और नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है। करीब पांच महीनों तक लगातार सुनवाई चली। पांच जून को निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम तारीख पर पेशी के दौरान दोनों पक्ष को सुनते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज चुनाव आयोग ने मेयर राखी गुप्ता को अयोग्य करार कर उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया।
चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों का नियम जारी हुआ था
निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए दो बच्चों का नियम जारी करते हुए निर्देशित किया था। बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (ड) के अनुसार 4 अप्रैल 2008 के बाद से तीसरे संतान का जन्म होने वाले उम्मीदवार चुनाव के लिए अयोग्य होंगे। सितंबर 2022 में उम्मीदवारी को लेकर नए नियम जारी किए गए थे। इसमें दो से अधिक बच्चों के माता-पिता निकाय चुनाव के उम्मीदवार नहीं बन सकते थे। यह भी स्पष्ट किया गया था कि दो से अधिक संतान वाले लोग अगर किसी दूसरे को बच्चा गोद दे देते हैं तब भी वो ही बच्चे के जैविक माता-पिता माने जाएंगे। इसका मतलब कि अपने बच्चों को गोद देने के बाद भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ही रहेंगे।