बिहार में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे है। सड़क हादसे में जान गवाने वाले की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। सड़क हादसे में ज्यादातर जाने इसलिए चली जाती है। क्यूंकि पास में हॉस्पीटल नहीं है, एंबुलेंस की सुविधाएं नहीं मिल पाती। ऐसी कई वजह है। कभी अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती। अस्पताल की दुरुस्त करने के लिए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार कार्यरत है। अक्सर अस्पताल में निरीक्षण करते हुए देखे गए है। मरीजों की सुविधा के लिए तेजस्वी ने अब एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. अब हर 50 किमी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी।
दुर्घटना में घायल हुए मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई अहम फैसले लिए है। अब हर 50 किमी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। साथ ही सौ किमी के दायरे में एक ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाएगा। ट्रामा सेंटर स्थापित करने की घोषणा स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने 22 मार्च को विधानसभा में की थी। यह ट्रामा सेंटर मल्टीपल फ्रैक्चर के इलाज के साथ दूसरे गंभीर मामले में जीवन रक्षक उपकरणों से लैस रहेंगे। साथ ही सभी सिविल सर्जन और मेडिकल कालेज अस्पतालों में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित की जाएगी।
प्रशिक्षण के दौरान घायल व्यक्ति या समूह की किस प्रकार जीवन रक्षा की जाती है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा राज्य के सभी अस्पतालों को इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा। इसमें सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को शामिल किया जाएगा। इसमें सबसे पहले सभी जिला अस्पताल को सूचीबद्ध किया जाएगा। अस्पतालों के सूचीबद्ध होने का फायदा यह होगा कि दुर्घटना में घायल अगर आयुष्मान भारत से जुड़ा है जो उसका मुफ्त इलाज होगा। अन्य बीमा कंपनी से जुड़ा है उसको भी इससे लाभ मिलेगा। अगर किसी जगह बार-बार दुर्घटना होती है तो उस जगह को ब्लैक स्पाट चिह्नित किया जाएगा।