प्राइवेट स्कूल वक्त के साथ ही लूट का बाजार बन गया था। जहां एडमिशन लेने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म, बुक से लेकर स्टेशनरी तक के लिए पूरी तरह स्कूल पर निर्भर रहना पड़ता थी। बाहर से खरीदी हुई चीजें स्कूल में यूज नहीं कर सकते है। इस लूट के बाजार पर नकेल कसने के लिए CBSE ने फऱमान जारी कर दिया है। अब स्कूल यूनिफॉर्म, बुक से लेकर स्टेशनरी तक किसी भी चीज को न बेंच सकता है ना ही दुकान बता सकता है। अगर स्कूल ने ऐसा किया तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
“बंद होगा स्कूल में खुली दुकान”
प्राइवेट स्कूल अक्सर बच्चों के माता पिता को स्कूल से ही पढ़ाई से रिलेटेड सारी चीजें खरीदने के लिए मजबूर करता था। इन चीजों दूसरे जगह के मुकाबले ज्यादा महंगी होती थी। इसके बावजूद भी अभिभावक को स्कूल से लेने के लिए मजबूर किया जाता था। जिसपर CBSE ने नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। अब स्कूल ना तो खुद इसे बेच सकता है और ना ही दुकान बता सकता है। इसके अलावा सीबीएसई ने स्कूलों में खुली दुकानों को भी हटाने का आदेश दिया है। यदि फिर भी कोई स्कूल ऐसा करता है तो इस बात की जानकारी सीबीएई को देंगे। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा।
वहीं, इसको लेकर सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि स्कूल से रिलेटेड किसी भी चीज को लेने के लिए स्कूल किसी भी सूरत में बच्चों या अभिभावकों पर दबाव नहीं डाल सकता है। अभिभावक अपनी मर्जी से जहां से किताब और यूनिफार्म लेना चाहे ले सकते हैं। सूचना के अधिकार के तहत सीबीएसई बोर्ड ने अभिभावकों को यह जानकारी दी है। बता दें कि नये सत्र शुरू होते ही ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में दुकान लग जाती है। यही से किताब, यूनिफार्म, कॉपी, डायरी, टाई, बेल्ट, जूता, मोजा, स्टेशनरी सहित कई पाठ्य सामग्रियों को खरीदना अभिभावकों की मजबूरी बन जाती है।