बिहार का कटिहार लोकसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया। उसके बाद से यहां अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं। जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और जनता दल से लेकर जनता दल(यूनाईटेड) और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की हैं। हालांकि ये सीट मुस्लिम बहुल है लेकिन पिछले पांच चुनाव से कांग्रेस वापसी नहीं कर पाई है । जबकि कांग्रेस के एक बड़े मुस्लिम नेता यहां से सांसद रह चुके हैं और एक ज़माने में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे सीताराम केसरी भी यहां से सांसद रह चुके हैं। फिलहाल इस सीट पर जदयू का कब्ज़ा है। लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव में यहां की लड़ाई रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है।
किशनगंज लोकसभा सीट: मुस्लिम बहुल क्षेत्र, कांग्रेस की हैट्रिक, AIMIM है बड़ा ट्विस्ट
1957 से अबतक जीते उम्मीदवार
सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस सीट पर अब तक किस – किस पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है । साल 1957 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने जीता था और उन्हें यहां के पहले सांसद होने का गौरव हासिल हुआ था। 1958 में कांग्रेस के भोलानाथ विश्वास ने जीत हासिल की। 1962 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की नेता प्रिया गुप्ता सांसद बनीं । 1967 में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की। साल 1977 के चुनाव में यहां पर जनता पार्टी जीती तो वहीं 1980 में यहां से कांग्रेस के तारिख अनवर सांसद बने।
वो लगातार दो बार इस सीट पर जीते लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के नेता युवराज ने उनकी जीत की हैट्रिक को पूरा नहीं होने दिया । 1991 में भी यहां जनता दल का ही राज रहा और बिहार के गवर्नर रहे मोहम्मद यूनुस सलीम ने यहां से चुनाव जीता । लेकिन 1996 में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और तारिक अनवर सांसद बने, साल 1998 में भी उनका ही जलवा यहां कायम रहा।
1999 में भारतीय जनता पार्टी के नेता निखिल चौधरी यहां से एमपी बने, उन्होंने साल 2004 और साल 2009 में भी यहां से जीत दर्ज की लेकिन साल 2014 के चुनाव में तारिख अनवर ने उन्हें यहां हरा दिया हालांकि इस बार तारिक अनवर ने एनसीपी उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल। ये हार भाजपा के लिए बड़ा झटका थी क्योंकि निखिल चौधरी की हार मोदी लहर के दौरान हुई थी। लेकिन 2019 में भाजपा की सहयोगी पार्टी रही जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने जीत हासील की।
जातीय समीकरण
कटिहार लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख से अधिक है। जिसमें 41 फीसदी मुस्लिम, 11 फीसदी यादव, 8 फीसदी उच्च जाति, 16 फीसदी वैश्य, 18 फीसदी ओबीसी और 6 फीसदी दलित मतदाता हैं। इसलिए यहां के चुनाव में मुस्लिम वोटों का काफी ज्यादा असर पड़ता है । पहले से ही यहां मुस्लिम-यादव समीकरण के साथ कांग्रेस और राजद का गठबंधन लड़ता रहा है। लेकिन अब उसके पास जदयू का भी साथ है । जिससे अगले चुनाव में भाजपा की सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है।
कटिहार लोकसभा के अंर्तगत आने वाले विधानसभा सीट
कटिहार लोकसभा क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्र के बारे में छह विधानसभा सीट है । जिसमें से 2-2 सीट पर भाजपा और कांग्रेस का कब्ज़ा है। जबकि 1-1 सीट पर कांग्रेस और भाकपा माले का कब्ज़ा है। बलरामपुर से भाकपा माले के महबूब आलम, कटिहार से भाजपा के तारकिशोर प्रसाद, कदवा से कांग्रेस के डा. शकील अहमद खान, प्राणपुर से भाजपा की निशा सिंह, मनिहारी से कांग्रेस के मनोहर प्रसाद सिंह, बरारी से जदयू के बिजय सिंह विधायक हैं।