RANCHI : विजय हांसदा ने झारखंड हाइकोर्ट में साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई होनी थी। लेकिन इसी दौरान उसने हाइकोर्ट में आवेदन देकर सीबीआइ जांच की मांग से संबंधित दायर याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल विजय के आवेदन पर कोई फैसला नहीं किया है। इधर विजय हांसदा साहिबगंज में अवैध खनन के सिलसिले में पंकज मिश्रा व अन्य के खिलाफ चल रहे मामले में पीएमएलए कोर्ट में गवाही देने के लिए भी हाजिर नहीं हो रहा है।
पुलिस से की गई थी शिकायत
विजय हांसदा की ओर से पहले दायर याचिका में कहा गया था कि पंकज मिश्रा व अन्य द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की शिकायत पुलिस से की गयी थी, पर पुलिस ने उनलोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने के बदले पुलिस ने उसके ही खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल में बंद कर दिया था। याचिका में पुलिस पर अविश्वास जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग की गयी थी। हांसदा ने बरहरवा कांड के आधार पर इडी द्वारा दर्ज की गयी इसीआइआर में अपना बयान भी दर्ज कराया था। इडी ने अवैध खनन के इस मामले में उसे गवाह बनाया था। पंकज मिश्रा व अन्य के खिलाफ इडी द्वारा आरोप पत्र दायर किये जाने के बाद इस मामले में ट्रायल चल रहा है। पीएमएलए कोर्ट द्वारा गवाही के लिए विजय हांसदा को समन जारी किया गया था, पर वह गवाही देने नहीं आया।
पंकज मिश्रा पर एफआईआर
विजय हांसदा की शिकायत के आधार पर नींबू पहाड़ मामले में हंगामा होने के बाद पुलिस ने अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इडी ने इस प्राथमिकी के आधार पर पंकज व अन्य के खिलाफ अवैध खनन के आरोप में एक नयी इसीआइआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। इस दौरान इडी ने नींबू पहाड़ का सर्वे किया जहां अवैध खनन की पुष्टि हुई। विजय हांसदा द्वारा सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दायर याचिका वापस लेने की कोशिश करने से अवैध खनन के मामले में दायर दूसरे इसीआइआर के प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है। विजय हांसदा मूलतः नींबू पहाड़ गांव का प्रधान है। प्रारंभ में उसने इलाके में अवैध खनन का पुरजोर विरोध किया था।