भाजपा के साथ आधिकारिक तौर पर गठबंधन में कुछ दिन पहले आए चिराग पासवान को लालू यादव से हमदर्दी हो रही है। लालू यादव पर कही गलत बात चिराग पासवान से बर्दाश्त नहीं हो रही है। ऐसे में राजद को बिहार में दुश्मन नंबर 1 मानने वाली भाजपा के लिए नई मुश्किल हो सकती है। चिराग पासवान का यह रुख भाजपा के कई नेताओं को रास नहीं आएगा। चिराग के इस तेवर पर भाजपा के नेताओं की प्रतिक्रिया का तो इंतजार है लेकिन एक बात तय है कि लालू से जिस बात पर चिराग ने हमदर्दी जताई है, उसमें नीतीश कुमार पर जमकर बरसे हैं। यानि अगर लालू से हमदर्दी भाजपा नेताओं को चुभेगी तो नीतीश पर चिराग का बरसना भाजपा नेताओं को खुश भी करेगा।
बेचारा कहने पर जताई आपत्ति
दरअसल, चिराग पासवान जिस बात पर राजद सुप्रीमो लालू यादव से हमदर्दी जता रहे हैं, उसमें नीतीश कुमार भी महत्वपूर्ण रोल में हैं। लालू यादव की जमानत के खिलाफ सीबीआई की अपील पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने लालू यादव को बेचारा कहकर संबोधित किया। नीतीश कुमार ने कहा कि जानबूझकर बेचारे (लालू) को तंग कर रहे हैं। आप देखते नहीं है, सेंटर में जो हैं, वो आज कल सबको तंग ही न कर रहा है, किसी को छोड़ रहे हैं? सबको तंग कर रहे हैं। अब इस बयान पर जवाब तो चौतरफा आ रहे हैं। इसमें भाजपा का कहना है कि अगर लालू यादव जेल जाएंगे, तो नीतीश कुमार की वजह से ही जाएंगे। जबकि चिराग पासवान को नीतीश कुमार का लालू यादव को बेचारा कहना नहीं भाया है।
नीतीश की भाषा के पीछे गलत सोच : चिराग
चिराग पासवान का कहना है कि “बेचारा शब्द क्या होता है? लालू यादव हमारे प्रदेश के पूर्व सीएम रहे हैं। कईयों को उन्होंने आवाज देने का काम किया है। ऐसे में नीतीश कुमार अपने आप को इतना बड़ा समझ रहे हैं कि लालू यादव को बेचारा कह रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश की इस भाषा के पीछे की सोच गलत है। वो लालू यादव जी को लाचार और बेबस दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। बेचारा शब्द पर मेरी आपत्ति रही है।” चिराग ने आगे कहा कि सजा देने का काम न्यायिक प्रक्रिया का है। वैसे बचाने और फंसाने का काम मुख्यमंत्री नीतीश की कार्यशैली का हिस्सा रहा है। जब जरूरत न हो तो उन लोगों को फंसा देना। जब जरूरत हो तो उनको बचा लेना। यही काम वो करते आए हैं। कई बार कानून में फेरबदल भी किया है। लेकिन ,हम लोगों का विश्वास देश के कानूनऔर न्यायपालिका पर है। जो भी फैसला होगा वो सबको सर्वमान्य होगा।