आए दिन बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होते जा रही है। कभी दवा की किल्लत तो कभी डॉक्टर की लापरवाही सामने आते रहती है। इसको लेकर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार अस्पतालों का निरीक्षण भी करते देखें गए। निरीक्षण के दौरान लापरवाही बरतने पर डॉक्टर और सफाई कर्मी को फटकार भी लगाए। इसके बावजूद भी किसी के कानों कान तक जू नहीं रेंगी। डॉक्टर की लापरवाही से जुड़ा ताजा मामला भागलपुर से आ रहा है जहां डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने एक मरीज के पेट में कपड़ा छोड़ दिया। जिसकी वजह से महिला का आंत फट गई है। वो महीनों दर्द से तड़पती रही। हालांकि अल्ट्रासाउंड में खुलासा होने के बाद महिला का दोबारा ऑपरेशन कर पेट से कपड़ा निकाला गया।
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लगातार पेट दर्द से परेशान थी महिला
मामले को लेकर बताया जा रहा है कि पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मायागंज में 19 फरवरी को पीड़ित प्रियंका कुमारी को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। जहां सिजेरियन से उसने बेटे को जन्म दिया था। उसका इलाज डॉ अर्चना झा के यूनिट-3 में हुआ था और 26 फरवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद प्रियंका पेट दर्द की शिकायत से परेशान रहती थी जिसके बाद परिजन उसे 15 अप्रैल को महिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मामूली ड्रेसिंग कर उसे छुट्टी दे दी गई।
इसके बाद भी जब दर्द कम नहीं हुआ तो महिला के पति चंदन कुमार ने उसे निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां अल्ट्रासाउंड में चौंकाने वाली बात सामने आई। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि प्रसव के दौरान हुए ऑपरेशन में महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया गया था। जिसकी वजह से उसके आंत फट गए थे। जिसके बाद निजी नर्सिंग होम में दोबारा ऑपरेशन कर कपड़े को निकाला गया। जिससे महिला की जान बच गई।