पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड में दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी नदियों के जलस्तर में उफान है। लिहाज़ा इलाके के लोगों में बाढ़ का खतरा नजर आ रहा है। गौनाहा प्रखंड के सेनथौल गांव सहीत औडार, पिपरा, माधोपुर, बैरीया गांव के दर्जनों घर बाढ़ के पानी में डुब गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते रात को अचानक तेज गर्जन के साथ पानी बढ़ गया। जिससे अफरा-तफरी मच गई,लोग घर छोड़ कर भागने लगे। उच्चे स्थानों पर अपने छोटे छोटे बच्चो के साथ किसी तरह मुसीबत वाली रात बिती ।अब भी घरो में पानी भरा है ना खाने को अनाज है ना रहने को घर। वहीं सेनथौल गांव के कुछ किसान मवेशी चारा के लिए निकले हैं। किसानों का यह समूह एक दुसरे के सहारे जान जोखिम में डाल कर एक दुसरे के सहारे पानी को पार करते नजर आ रहे हैं।
कोसी नदी भी खतरे के निशान से उपर
वहीं सुपौल में कोसी के डिस्चार्ज में लगातार वृद्धि जारी है। कोसी बराज से 2 लाख 47 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज मापा गया है तो वही बराह क्षेत्र में 2 लाख 59 हजार क्यूसेक राइजिंग मोड में मापा गया है। इधर कोसी के बढ़ते डिस्चार्ज की वजह से तटबंध के पर दवाब बढ़ गया। जिसकी वजह से कोसी के चीफ इंजीनियर खुद खड़े रहकर इसे बचाने के लिए युद्ध स्तर में कार्य कराने में जुटे है हालांकि चीफ इंजीनियर का कहना है कि स्थिति नियंत्रित है ।लगातार बारिश जारी रहने की वजह से डिस्चार्ज में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बता दें कि नेपाल कोसी डैम के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं। वहां से 4 लाख 14 हजार 60 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इसीका प्रभाव बिहार में देखने को मिल रहा है ।