बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के बिच का विवाद लगातार बढ़ता बिहार सरकार ने फैसला लिया था। जिसके तहत मंत्रियों के निजी सचिव यानी प्राइवेट सेक्रेटरी के अधिकार सीमित कर दिए गए। साथ ही राज्य सरकार ने कहा है कि संबंधित विभाग के कामकाज में बिहार सरकार दखल नहीं देगी। जिसपर शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शिक्षा मंत्री ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने जो गाइडलाइन निकला है वह बेहतर और स्पष्ट है इससे पहले सरकारी और निजी सचिवों के कार्यों का दायरा स्पष्ट नहीं था। लेकिन अब जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसमें बहुत हद तक सब कुछ स्पष्ट हो गया है।
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शिक्षा मंत्री और के के पाठक के बीच का विवाद छुपा नहीं है। शिक्षा मंत्री अक्सर के के पाठक के जारी किए गए आदेशों पर प्रतिक्रिया देते रहते है वो कभी भी के के पाठक के सपोर्ट में नहीं होता। जिसके बाद से ही दोनों के बीच के विवाद को हवा मिली है। जब बिहार सरकार के फैसले पर शिक्षा मंत्री अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे इस दौरान उनसे के के पाठक से जुड़े सवाल पूछे गए। जिसपर उन्होंने कन्नी काट ली और के के पाठक से जुड़े विवाद को अफवाह बताया।उन्होंने कहा कि लोग समझने के लिए कुछ भी समझ सकते हैं लेकिन सरकार ने दोनों सचिवों का कार्य परिभाषित किया है इससे विवाद होने वाली कोई बात नहीं है।