जातीय गणना को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को दाखिल हलफनामा वापस ले लिया गया है और नए हलफनामा दायर किया गया है। जिसके तहत अब राज्य जातीय सर्वे या उससे जुड़े आंकड़े जुटा सकती है। इसपर किसी प्रकार का कोई रोक नहीं लगाया जा सकता है। इससे पहले बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में कहा गया है कि यह जनगणना नहीं बल्कि सर्वे है। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को सर्वे कराने को हरी झंडी दी।
डाटा रिलीज होगी या लगेगी रोक, जातीय गणना में सुप्रीम सुनवाई आज
राज्य सरकार अपने स्तर से करा सकती है सर्वे
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पहले दायर हलफनामा के पैरा 5 में लिखा था कि सेंसस एक्ट 1948 के तहत केंद्र के अलावा किसी और सरकार को जनगणना या इससे मिलती-जुलती प्रकिया को अंजाम देने का अधिकार नहीं है। जिसके कुछ घंटे बाद ही केंद्र ने हलफनामा वापस ले लिया और नया हलफनामा दायर किया है। जिसके में कहा गया है कि ‘पैरा 5 अनजाने में शामिल हो गया था। नया हलफनामा संवैधानिक और कानूनी स्थिति साफ करने के लिए दायर किया है। केंद्र सरकार भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुसार SC/ST/EBC और OBC के स्तर को उठाने के लिए सही कदम उठा रही है।’ जिससे यह साफ हो गया है कि अब राज्य सरकार जातीय सर्वे स जुड़े आंकड़े जुटा सकती है।
पटना हाईकोर्ट ने दी थी जातीय गणना कराने की स्वीकृति
दरअसल पटना हाई कोर्ट ने जातीय गणना करने के लिए स्वीकृति दे दी है। पटना हाईकोर्ट के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी। इस दौरान बिहार सरकार ने कहा था कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड की जा रही है। इसके बाद याचिकाकर्ता के तरफ से जातीय गणना का ब्योरा रिलीज नहीं करने की मांग की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया था और मामले की सुनवाई 21 अगस्त तक टाल दी गई थी।
21 अगस्त की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग वाली सभी याचिकओं पर एक साथ सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना औऱ जस्टिस भट्टी की बेंच से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसमें एक हफ्ते का समय मांगा था। तुषार मेहता की मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने इस मामले में समय दिया था। इस मामले को लेकर तुषार मेहता का कहना था कि वो किसी के साइड से नहीं है। लेकिन इस प्रक्रिया के कुछ नतीजे होते है जिसके लिए एक सप्ताह का टाइम चाहिए।