CHATRA : पूर्व मंत्री सह कांग्रेस नेता के.एन.त्रिपाठी रविवार को एकदिवसीय दौरे पर चतरा के टंडवा पहुंचे। इस दौरान टाउन हॉल परिसर में आयोजित समारोह में प्रखंड के जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श को लेकर बैठक किया।
गैर कानूनी तरीके से किया जा रहा कोयले का उत्खनन
बैठक के दौरान पूर्व मंत्री के.एन.त्रिपाठी ने कहा कि टंडवा सहित आसपास के इलाकों में गैर कानूनी तरीके से कोयले का उत्खनन किया जा रहा है और उस कोयले को आनन-फानन में बेचा जा रहा है। जिससे माफिया राजा बनते जा रहे हैं और यहां के स्थानीय रैयत और आम जनता उस कोयले के धूल को फांक रही है। फलस्वरूप, उनके रग-रग में कोयले का धूल बैठता जा रहा है और उनकी आयु कम होती जा रही है।
स्थानीय रैयतों का दोहन और अत्याचार किया जा रहा है
इस दौरान उन्होंने कहा कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत मगध अम्रपाली एवं एनटीपीसी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा स्थानीय रैयतों का दोहन और अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के शिक्षित युवा रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आम सड़क से हो रहे कोयले के ट्रांसपोर्टिंग को लेकर भी सीसीएल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि निजी स्वार्थ में प्रबंधन और निजी कंपनियों के द्वारा आम लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। आम सड़क से कोयले के ट्रांसपोर्टिंग होने के कारण लोगो का सड़कों पर चलना मुहाल हो गया है।
कोल वाहनों से निरंतर लोग दुर्घटनाओं का हो रहे शिकार
के.एन.त्रिपाठी ने कहा कि कोल वाहनों से निरंतर लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं और इसके बदले उन्हें एक-दो लाख रूपये सौदे के रूप मे मिल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने रोजगार और विस्थापन के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि खनन के लिए केंद्र सरकार जिन कंपनियों को जिम्मेवारी देती है वह कंपनियां स्थानीय लोगों का भरपूर शोषण करती है इसी का नतीजा है कि टंडवा सहित अन्य जगहों जहां कोल कम्पनियां स्थापित है वहां अन्य जगह के मुकाबले बेरोजगारी और अधिक हावी है।
निजी कंपनियां विस्थापन नीति का कर रही उल्लंघन
वहीं उन्होंने विस्थापन के मुद्दे को लेकर कहा कि कोयले के खनन में कार्यरत निजी कंपनियां विस्थापन नीति का उल्लंघन कर स्थानीय रैयतो के जनजीवन को नर्क बना रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार और विस्थापन के मुद्दे को लेकर वृहद आंदोलन की जरूरत है,क्योंकि जब तक इन कम्पनियों को सैकड़ों करोड़ के कारोबार का नुकसान नहीं होगा तब तक यह जनता के हित की बात नहीं सोचेंगे। इस दौरान मौजूद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि टंडवा में रोजगार और विस्थापन के मुद्दे को लेकर पूर्व मत्री के एन त्रिपाठी के नेतृत्व मे जल्द ही बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।