तमिलनाडु सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए एक बयान से हंगामा मचा हुआ है। उदयनिधि ने एक सभा को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से कर दी। उदयनिधि के इस बयान की चारो ओर आलोचना की जा रही है और अब उनके खिलाफ बिहार में परिवाद दायर कराया गया है। मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में उदयनिधि के खिलाफ परिवाद दायर कराया है। सुधीर कुमार ओझाने आरोप लगाया है कि उदयनिधि के सनातन धर्म पर दिए गए बयान से पूरे देश के हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है।
अभियुक्त के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग
सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि उदयनिधि के इस बयान से हिंदू धर्म के करोड़ों लोगों का अपमान हुआ है और उनकी भावना को ठेस पहुंची है। उदयनिधि के इस बयान से पूरे देश में हिंदू और सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई है। राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से अभियुक्त ने इस तरह का बयान दिया है ऐसे में अभियुक्त के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने अधिवक्ता के परिवाद को स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर कोर्ट 14 सितंबर को सुनवाई करेगा।
सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की
दरअसल, उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की है। उन्होंने कहा है कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। एजेंसी के मुताबिक उदयनिधि ने शनिवार को सनातन उन्मूलन सम्मेलन में दिए बयान में कहा, ‘सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।