शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक नए-नए नियमों को लेकर लगातार विवादों में रहे है। राजभवन से नाराजगी खत्म भी नहीं हुई थी कि BPSC से के के पाठक का विवाद सुर्खियां बटोरने लगा है। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद की एक ट्वीट ने के के पाठक से नाराजगी को हवा दी है। जिसमें अतुल प्रसाद ने के के पाठक का नाम लिए बिना उनपे निशाना साधा है।
दरअसल, राज्य के माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय में चल रही 1.70 लाख शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया का डॉक्यूमेंट सत्यापन का कार्य चल रहा है। जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। जिसे के के पाठक ने हटा दिया है। इसके बाद शिक्षा विभाग के सचिव ने सीएम को पत्र लिखकर कहा था कि टीचरों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के कार्य में लगाने से शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ रहा है। इसके बाद बिहार सरकार के तरफ से टीचरों की ड्यूटी रद्द कर दी गई थी। वहीं, टीचरों की ड्यूटी रद्द होने के बाद अब बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नाराजगी सामने आई है और उन्होंने यह नाराजगी ट्वीट के जरिए दिखाई है। BPSC के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि,-” सरकार अपने अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति करती है और बाद में उन्हें बदल देती है। इससे हमें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होती। लेकिन अगर ऐसे तत्वों की बात करें जो टीआरई-डीवी रद्द कराने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए”।
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