विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की चौथी बैठक से पहले एक राजनीतिक खिचड़ी पकाने की तैयारी चल रही है। चौथी बैठक से पहले कई विपक्षी दल एक साथ एकमंच पर दिखा सकते हैं। जिसको लेकर तरह-तरह के सियासी मायने निकले जा रहे हैं। दरअसल I.N.D.I.A में शामिल दलों के नेता कई बार ये बात दोहरा चुके हैं कि कई और दल उनके गठबंधन में आगे जुडेंगे। ऐसे नेताओं में सबसे आगे नाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है। इसकी कोशिश भी खुब की जा रही है कि जो भी दल भाजपा के विरोध वाली राजनीति कर रही उसे I.N.D.I.A का हिस्सा बना लिया जाए। इसी मंसूबे को पूरा करने की कोशिश हरियाणा में होने वाली देवीलाल की जन्म जयंती समारोह में की जा सकती है। जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल होने की खबर है।
I.N.D.I.A के विस्तार की कोशिश
दरअसल 25 सितंबर को हरियाणा के कैथल जिले में एक रैली होने जा रही है। यह कार्यक्रम इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती के मौके पर किया जा रहा है। पार्टी उनकी जयंती को सम्मान दिवस के तौर पर मनाती रही है। लेकिन इस बार ये समारोह सियासी मायनों से काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि इस कार्यक्रम में I.N.D.I.A में शामिल दलों के साथ ऐसे भी दलों को शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है जो अभी ना तो भाजपा के नेतृत्व वाली NDA का हिस्सा हैं ना ही I.N.D.I.A का। माना जा रहा है कि ऐसे दलों को I.N.D.I.A में शामिल करने की कोशिश की जाएगी या फिर उसी दिन I.N.D.I.A के विस्तार की घोषणा भी की जाएगी।
इन दलों पर डाले जाएंगे डोरे
अब बड़ा सवाल ये है कि किन दलों को शामिल कर I.N.D.I.A के विस्तार की कोशिश की जाएगी? बता दें कि उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती पर समारोह का आयोजन करने वाली इंडियन नेशनल लोकदल भी I.N.D.I.A का हिस्सा नहीं है। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि समारोह के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल I.N.D.I.A के साथ आने को लेकर कोई ऐलान कर सकती है। वही समारोह में पंजाब की अकाली दल को भी शामिल होने के न्यौता दिया गया है। ऐसे में आकाली दल को भी I.N.D.I.A में शामिल करने के लिए पूरी एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा सकता है। जिसके लिए कमान बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभाल सकते हैं।
CM नीतीश की कोशिश
पिछले साल भी उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए थे। वहां से ही वो विपक्षी एकता की मुहिम में जुट गए थे। पिछले साल समारोह के दौरान भी नीतीश कुमार ने अकाली दल के नेता सुखबीर बादल से अपील की थी कि वो भाजपा के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ आ जाए। इस बार भी यही कोशिश नीतीश कुमार की तरफ से की जा सकती है।