हाईकोर्ट ने प्रार्थियों को 21 सितंबर तक ऑफलाइन फार्म जमा करने का दिया निर्देश
RANCHI : सिविल जज, जूनियर डिवीजन के एग्जाम में निर्धारित 35 वर्ष की उम्र पार कर जाने की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले अभिषेक कुमार एवं अन्य को बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. कोर्ट ने सिविल जज, जूनियर डिवीजन के एग्जाम में प्रार्थियों को 21 सितंबर तक ऑफलाइन फार्म जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अब इन प्रार्थियों का एग्जाम लिया जाएगा और उनके रिजल्ट भी आएंगे. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की. खंडपीठ ने यह भी कहा कि प्रार्थियों का रिजल्ट इस केस के अंतिम निर्णय से प्रभावित होगा. दरअसल, प्रार्थी अभिषेक प्रसाद एवं अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था कि वह सिविल जज, जूनियर डिवीजन की तैयारी कई वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन पिछले 5 साल से सरकार ने कोई एग्जाम नहीं लिया था. इस वजह से उनकी उम्र सीमा निर्धारित 35 वर्ष से ऊपर हो चुकी है. राज्य सरकार ने पिछले 5 साल से यह एग्जाम नहीं लिया, इसलिए हमें निर्धारित उच्च उम्र सीमा में छूट देते हुए एग्जाम देने की अनुमति दी जाए. उनका कहना था कि सरकार को हर साल एग्जाम लेना चाहिए था लेकिन पिछले 5 वर्षों से एग्जाम नहीं लिया गया है, जिस उम्र सीमा के कारण हम परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सौरभ अरुण एवं अमित कुमार सिन्हा ने पैरवी की. बता दें कि जेपीएससी द्वारा सिविल जज, जूनियर डिवीजन का एग्जाम लिया जा रहा है और फॉर्म भरने की आखिरी तिथि 21 सितंबर निर्धारित की गई है।