पटना हाईकोर्ट ने महिला अधिवक्ता प्रियम के साथ बुधवार को बिहार म्यूजियम के सामने अपराधियों ने लूटपाट की थी। इस घटना पर पटना हाईकोर्ट काफी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब महिला वकीलों के साथ ऐसा हो रहा है तो आमलोगों के साथ क्या होता होगा? कोर्ट ने एसएसपी और कोतवाली थानेदार को तलब किया। गुरुवार मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ के समक्ष एसएसपी और थाना प्रभारी उपस्थित हुए। कोर्ट एसएसपी को निर्देश दिया कि वह घटना से संबंधित मामले का सीसीटीवी फुटेज देखें और प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई करें। रिपोर्ट 18 सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया।
ऑटो में बैठाकर बदमाशों ने लूटपाट की
बता दें कि अधिवक्ता प्रियम कुमारी बुधवार को अपनी बेटी के साथ दोपहर 2:10 बजे हाईकोर्ट के गेट नंबर दो से निकली और घर जाने के लिए ऑटो ली। उस पर पहले से दो यात्री सवार थे। थोड़ी दूर आगे बढ़ते ही चालक गलत दिशा में ऑटो लेकर जाने लगा। इस पर अधिवक्ता ने विरोध जताया, जिसके बाद पहले से सवार बदमाशों ने लूटपाट शुरू कर दी। उन्होंने अधिवक्ता के गले से सोने की चेन, अंगूठी और कान की बाली उतरवा ली। विरोध करने पर लुटेरों ने उन्हें और उनकी बेटी का गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश की, फिर धमकी देकर ऑटो से उतार दिया। घटना वाली जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगा था, लेकिन वह खराब हालत में मिला। ऑटो और आरोपितों की पहचान करने के लिए पुलिस अब उस मार्ग पर लगे दूसरे कैमरों के फुटेज खंगाल रही है।