[Team Insider]: देवास-एंट्रिक्स मुद्दे (Devas-Antrix issue) पर वित्तमंत्री सितारमण ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर फ्रौड करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात करना चाहूंगी। उन्होंने कहा कि SC ने व्यापक आदेश दिया था। यूपीए ने 2011 में यह सौदा रद्द कर दिया था। यह एक धोखाधड़ी का सौदा था।
कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता क्यों नहीं की
2011 में, जब पूरी बात रद्द कर दी गई तो देवास अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में चले गए। भारत सरकार ने कभी मध्यस्थ नियुक्त नहीं किया जबकि 21 दिनों के भीतर ही भारत को मध्यस्थ नियुक्त करने के लिए कहा गया था। लेकिन सरकार ने नियुक्ती नहीं की। तरंग, उपग्रह या स्पेक्ट्रम बैंड जैसे प्राथमिक बंदोबस्ती की इस तरह की बिक्री, इसे निजी पार्टियों को देना और निजी पार्टियों से पैसा कमाना और सौदा करना कांग्रेस सरकार की विशेषता को चिह्नित करता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पता चलता है कि कैसे यूपीए सरकार गलत प्रथाओं में लिप्त थी। एंट्रिक्स-देवास सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। भारत के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की गई, यह कांग्रेस पार्टी को देश के लोगों को बताना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिसमापन प्रक्रिया (देवास मल्टीमीडिया के लिए) शुरू की जाएगी।