मुझे पता है कॉरपोरेट घरों के हाथों से बिकी हुई मीडिया क्या चलाना चाहती है। लेकिन मैं शिक्षा के घर में आया हूं शिक्षा की बाते करने आया हूं। मैं कुछ भी ऐसा नहीं बोलूंगा, जिसका मतलब गलत निकाला जाए। मैंने कभी भगवान के खिलाफ नहीं बोला। यह कहना है बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का।
“मेरी जीभ की कीमत 10 करोड़”
बुधवार को सीतामढ़ी में श्री राधे कृष्ण गोयनका कॉलेज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शिक्षा मंत्री ने अपने विवादित बयान को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैं कब भगवान के खिलाफ हो गया। कहीं भी वक्तव्य में देखिए। मैं भगवान, ईश्वर के खिलाफ नहीं बोलता हूं। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को चुनौती देते हुए कहा कि कोई मुझे दिखा दें कि मैंने कब भगवान के खिलाफ बोला है। उन्होंने आगे कहा मैंने कुछ बोला तो मेरी जीभ की कीमत दस करोड़ हो गई। मोहन भागवत तो इस तरह के बयान देते रहते है, उन्होंने दो बार मेरे बयान का समर्थन भी किया है, पर कोई उन्हें कुछ नहीं बोलता।
शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की थी
बता दें कि शिक्षा मंत्री अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते है कुछ दिन पहले ही उन्होंने रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की थी। वहीं मुस्लिम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब को मर्यादा पुरुषोतम बता दिया था, जिसके बाद बीजेपी लगातार उनपर हमलावर रही है। जिसपर सफाई देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया है।
जल्द होगी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि बिहार में दो-तीन महीने में होने वाली करीब ढ़ाई लाख शिक्षकों की बहाली विश्वस्तरीय कीर्तिमाकन होगा। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जल्द ही कैबिनेट में अलग से लगभग 70 हजार शिक्षकों की बहाली की स्वीकृति मिलेगी। वहीं बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिना किसी शर्त सरकार ने पारदर्शिता दिखाते हुए परीक्षा ली है। यह प्रशंसा के योग्य है। सरकार उच्चत्तर संस्थानों में उच्चत्तर शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन मामला न्यायालय वादों में फंसा है। इसके कारण छह महीने से बहाली नहीं हो सकी है। लेकिन इसकी बहाली जल्द ही की जाएगी।