नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है। लेकिन इसको लेकर राजनीति अभी भी गर्म है। विपक्षी पार्टियां लगातार इस बात को लेकर सरकार को घेर रही है कि महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देना चाहिए। हालांकि लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने सदन के अंदर इस बिल का समर्थन में ही वोट किया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि महिला आरक्षण के नाम पर जुमलेबाजी करने का आरोप लगाया।
“पहले क्यों नहीं दिया आरक्षण?”
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण के नाम पर प्रधानमंत्री ने इवेंट मैनेजमेंट किया और इसीलिए विशेष सत्र बुलाया गया। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी महिला सशक्तिकरण का विश्वास नहीं रखते हैं। यदि उन्हें विश्वास होता तो पिछले नौ साल में आरक्षण क्यों नहीं दिया। अब जब चुनाव में 6 महीने से कम का समय बचा है तो महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं। जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अपने राज्य में महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया।
“अभी लागू करे महिला आरक्षण”
ललन सिंह ने कहा कि इस महिला आरक्षण बिल का कोई फायदा नहीं है। क्योंकि पहले जनगणना होगी फिर परिसीमन होगा उसके लिए परिसीमन आयोग बनेगा तब कही जाके ये बिल लागू होगा। गृह मंत्री कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगा लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगा फिर परिसीमन आयोग बनेगा, तब तक 2029 आ जाएगा। भाजपा आरक्षण के नाम पर सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है अगर उनकी इच्छा आरक्षण देने कि है तो अभी ही इसे लागू कर दें। ललन सिंह ने महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को अलग से आरक्षण दिए जाने कि भी वकालत की। उन्होंने कहा कि भाजपा का ऑफिशियल स्टैंड पिछला अति पिछड़ा विरोधी है। जो अब सब के सामने आ गया है।