बिहार में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच पिछले आठ सालों से चल रही है इसके बाद भी यह मामला सुलझ नहीं पा रहा है। निगरानी विभाग और शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध आंकड़े इसे सुलझा पाने में असमर्थ है। एक ओर जहां निगरानी विभाग में फोल्डर नहीं मिलने वाले शिक्षकों की संख्या 73091 है तो वही शिक्षा विभाग में प्राप्त फोल्डर वाले शिक्षकों की संख्या 57647 बताई जा रही है जिससे मामला और भी उलझता जा रहा है और फर्जी तरीके से बने शिक्षकों की पहचान नहीं हो पा रही है ना ही उनपर शिकंजा कसा जा रहा है। वहीं आंकड़े सही नहीं मिल पाने की वजह से शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।उन्हें भी यह नहीं मालूम चल पा रहा है कि सूबे में टीचरों की वास्तविक संख्या कितनी है।
दोनों विभाग के डाटा में दिखा बड़ा अंतर
बता दें कि, उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2006 से 2015 तक के नियोजित उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, पुस्कालय अध्यक्ष एवं प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक अंक पत्रों व प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक जांच मामले को लेकर 6 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की गई है। लेकिन पिछले आठ सालों से चल रही फोल्डर ढ़ूढ़ने की कवायद अभी भी जारी है। बता दें कि बिहार में कुल 15 हजार से ज्यादा शिक्षक गायब मिले हैं निगरानी विभाग को इनकी तलाश है इसकी वजह से फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है जिसमें शिक्षा विभाग और निगरानी विभाग की जांच के आंकड़ों में भारी अंतर है। दोनों में अंतर को देखते हुए अगले दो दिनों के अंदर जिलों को रिपोर्ट जारी करने का आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि- अप्राप्त फोल्डरों की जिलावार वास्तविक संख्या, शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर अपलोडेड शिक्षक- फोल्डर की जिलावार वास्तविक संख्या, शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर अपलोडेड फोल्डरों से संबंधित कुल शिक्षकों की (बिना छेड़छाड़ किए हुए) जिलावार पूर्ण सूची डाउनलोड करने के बाद उसकी सत्यापित प्रति ब्यूरो को प्राप्त कराये गये, शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल से डाउनलोडेड सत्यापित पूर्ण फोल्डर की प्राप्ति-लंबित की वास्तविक जिलावार अपडेट आंकड़ा का रिपोर्ट तैयार कर विभाग को दें।
बताया जा रहा है कि निगरानी पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा लंबित कुल 57647 फोल्डर की सूची दी गई है, जबकि 20 सितंबर तक जिलों के सहायक जांचकर्ता द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल अप्राप्त फोल्डरों की संख्या 73091 है। इनमें हाई स्कूल के टीचर की संख्या -44, मिडिल स्कूल के टीचर की संख्या – -474,प्राइमरी स्कूल के टीचरों की संख्या – 72553 और पुस्तकालयाध्यक्ष की संख्या -20 हैं जिनके फोल्डर नहीं मिले हैं। अप्राप्त फोल्डरों की संख्या से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वेब पोर्टल पर अपलोडेड फोल्डरों की संख्या कितनी है। वहीं सूबे में निगरानी जांच में अबतक 2141 शिक्षक फर्जी मिले है।