[Team Insider] झारखंड में एक ऐसा जिला है, जहां रंगीन फूलगोभी की खेती हो रही है। जहां हर इलाके में पीले और सफेद रंग की गोभी की खेती किसान करते हैं।वही एक ऐसा किसान भी है। जो रंगीन गोभी की खेती कर रहा है। जो लोगों को हैरत में डालने वाला है। खास बात यह भी है कि उस रंगीन गोभी के सेवन के फायदे भी अधिक है।
बैगनी और पीली गोभी की खेती
दरअसल किसान के द्वारा बैगनी और पीले रंग के गोभी की खेती की जा रही है। जिसे देख लोग चौंक जाते हैं। खेतों में बैगनी और पीले रंग के गोभी लहलहा रहे हैं। रंगीन गोभी की खेती हजारीबाग जिले में एक किसान के द्वारा की जा रही हैं। चूंकि हजारीबाग जिला हमेशा से कृषि प्रधान जिला रहा है। यही वजह है कि यहां किसान खेती में हमेशा कुछ नया प्रयोग करते है और उपज को बेहतर बनाते है। जिसकी वजह से इस जिले की पहचान मेट्रो सिटी तक रही है।
हैरत में डाल रही है रंगीन को भी
अब हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के पूंदरी गांव के प्रगतिशील किसान सुखदेव राणा ने रंगीन गोभी उगाकर लोगों को हैरत में डाल दिया है। उन्होंने रंगीन फूलगोभी की खेती ट्रायल बेसिस पर की है।हालांकि उन्हें इसमें सफलता मिली है।इन रंगीन गोभी का एक्सपोर्ट अगले सीजन में मेट्रो सिटी तक किये जाने की योजना है। ताकि वहां रहने वाले लोग भी इसका स्वाद चख सके और इसके सेवन का लाभ उठा सकें।

रंगीन गोभी उगाने में की कड़ी मेहनत
बाजार में बिकने वाला फूल गोभी पिला या सफेद रहता है। लेकिन सुखदेव राणा ने बैगनी और पीले रंग की ब्रोकली की खेती की है। पीले रंग की गोभी कैरोटीना है, जबकि गुलाबी बैंगनी गोभी एलेनटीला है। यह गोभी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए फायदेमंद है। तो वहीं कैंसर से बचाव के लिए भी इसका सेवन करना लाभदायक है। सुखदेव राणा बताया कि राजधानी रांची में लगे मेले में उन्होंने इसका बीज खरीदा था और खेतों में लगाये थे। लेकिन कहा गया था कि हजारीबाग जिले में इसकी खेती संभव नहीं है। बावजूद इसके सुखदेव राणा ने सही मात्रा में खाद दिया और पौधे की सेवा की। जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें सफलता हाथ लगी और अब उनके खेतों में बैगनी और पीले रंग की फूलगोभी लहलहा रही है।

अगले सीजन में रंगीली गोभी का स्वाद चख सकेंगे लोग
सुखदेव राणा ने बताया कि उन्होंने इस तरह की फूलगोभी पहली बार लगाई है। जिसमें सफलता हाथ लगी है और अब बड़े पैमाने पर इसकी खेती करने की योजना है। ताकि अगले सीजन में हजारीबाग समेत झारखंड राज्य के लोगों के साथ साथ मेट्रो सिटी तक के लोग भी रंगीली गोभी का स्वाद चख सके और इस रंगीन गोभी की वजह से हजारीबाग की अलग पहचान बन सके।