बिहार में नीतीश सरकार ने बीपीएससी के जरिए 1.20 लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली है। लेकिन कई लोगों इसमें आंकड़ों की बाजीगरी की आशंका जताई थी। प्रशांत किशोर ने तो यहां तक कह दिया कि 20 से 25 हजार ही नए शिक्षक नियुक्त हो रहे हैं। साथ ही कुछ आरोप ये भी लगे कि नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ी संख्या में बिहार के बाहर के लोग शामिल हैं। लेकिन जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आंकड़ों के जरिए बताया है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया 88 फीसदी बिहारी उम्मीदवारों का चयन हुआ है।
कांग्रेस पर ‘उखड़ गए’ नीतीश, गठबंधन की गांठें सामने आईं
एमएलसी नीरज कुमार ने बताया कि बिहार दूसरे राज्यों के साथ महिलाओं को भी नौकरी देने में आगे हैं। बिहार शिक्षक भर्ती में 12 फीसदी दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी हैं। आजाद भारत के इतिहास में 2023 में युवाओं को रोजगार देने के मामले में बिहार का यह एतिहासिक कदम है। पहली बार एक ही विज्ञापन से 1,20,336 शिक्षकों की बहाली हुई। नीरज ने कहा कि बिहार में हुई बहाली में 48 प्रतिशत महिला शिक्षक हैं। यानी 57 हजार 854 महिला शिक्षकों को नौकरी दी गई है। वहीं इसमें कुल अभ्यर्थियों में 88 प्रतिशत बिहार के हैं। 12 फीसद बाहर के राज्यों के हैं। केरल, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड असम जैसे राज्य हैं। बिहार ने इतिहास रचा है, आज एतिहासिक दिन है।
वहीं केंद्र पर तंज करते हुए नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र ने हाल ही में नियुक्त पत्र बांटा था। इसमें 51 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया, जिसमें मात्र 133 बिहार के निवासी हैं। इसमें महिलाओं की संख्या सिर्फ 21 है।
रोजगार की बहार है, नीतीशे कुमार हैं। pic.twitter.com/ujPfMmFeSX
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) November 2, 2023