बिहार के मुजफ्फरपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज के बड़ी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने बिहार में हुई जातीय गणाना को लेकर भी बिहार सरकार पर निशान साधा। सबसे पहले तो उन्होंने कहा कि जिस वक्त जातीय गणना का निर्णय लिया गया था उस समय भाजपा भी नीतीश कुमार से साथ सरकार में शामिल थी। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जातीय गणना की रिपोर्ट में अति पिछड़ों की हुई हकमारी हुई है।
“पिछड़ों- अति पिछड़ों के साथ हुआ अन्याय”
अमित शाह ने कहा कि “बिहार की सत्ता में बैठे लोगों ने खुद को पिछड़े समाज का शुभचिंतक होने के लिए चाल चली है। ये जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में जातीय जनगणना कराने का फैसला तब भाजपा नीतीश सरकार में हिस्सेदार थी। लेकिन जब रिपोर्ट आयी तो उसमें साजिश रच दी गयी। यादव और मुसलमानों की संख्या को बढ़ाने के लिए अति पिछड़ो और पिछड़ों की संख्या को कम कर दिया गया। उनके साथ अन्याय किया गया। इनलोगों ने हमेशा पिछड़ा समाज का बहिष्कार किया और विरोध किया। जबकि मोदी जी ने हमेशा पिछड़ा समाज का सम्मान किया। मोदी जी की मंत्रीमंडल में 27 मंत्री ओबीसी समाज से हैं, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता दी। इसके साथ-साथ नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और सैनिक विद्यालय में ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।”
“जातीय गणना छलावा है“
अमित शाह ने कहा कि भाजपा ने जातीय गणाना का समर्थन किया था। लेकिन हमें ये नहीं पता था कि लालू यादव के दबाव में नीतीश कुमार मुस्लिमों और यादवों के संख्या बढ़ाकर पिछड़ों और अतिपिछड़ों के साथ अन्याय किया जाएगा। जातीय गणना एक छलावा है। ये लोग कहते है कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी। इस हिसाब से सबसे ज्यादा आबादी अतिपिछड़ों की है तो क्या लालू यादव ये घोषणा करेंगे कि अगला सीएम अतिपिछडा समाज से होगा।