CHATRA : 15 लाख का इनामी व झारखंड-छत्तीसगढ़-बिहार सीमा पर सक्रिय दुर्दांत नक्सली नवीन यादव ने चतरा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति की नई दिशा से प्रभावित होकर नवीन यादव उर्फ सरबजीत उर्फ विजय यादव ने सरेंडर किया है। चतरा पुलिस लाइन में उपायुक्त अबू इमरान, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार के समक्ष ईनामी नक्सली ने सरेंडर किया।
बताते चलें कि गिरफ्तार सबजोनल कमांडर पर तीन दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी के हत्या का आरोप है। नवीन के सरेंडर करने से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। नवीन उर्फ सरबजीत झारखंड-छत्तीसगढ़ व बिहार के विभिन्न जिलो में सक्रिय था।
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि झारखंड के गढ़वा, पलामू, चतरा व लातेहार के बूढ़ा पहाड़ समेत, बिहार के गया, औरंगाबाद व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर इलाकों में दुर्दांत नक्सली नवीन सक्रिय था। इसके विरुद्ध दर्जनों पुलिसकर्मियों की हत्या, हथियार लूट, आगजनी, लूट,रंगदारी, लेवी व अवैध हथियार रखने समेत 6 दर्जन से अधिक दुर्दांत नक्सल मामले दर्ज है। इन सभी मामलों में तीनों राज्यों की पुलिस नवीन की तलाश कर रही थी। नवीन यादव चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बसबुटा गांव का रहने वाला है।
एसपी राकेश रंजन ने बताया कि झारखंड सरकार की आत्म समर्पण नीति नई दिशा के तहत माओवादी संगठन का टॉप 10 कमांडरों मे शामिल 15 लाख के ईनामी रीजनल कमांडर नवीन उर्फ सरबजीत यादव उर्फ विजय यादव को आत्मसमर्पण नीति के तहत ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
इतना ही नहीं, उसके परिवार को सरकार के द्वारा मिलने वाले हर लाभ से लाभान्वित करने की दिशा में भी छात्र पुलिस हर संभव सकारात्मक सहयोग करेगी ताकि उस पर आश्रित उसके बच्चों को मुफ्त अच्छी तालीम मिलने के साथ-साथ आवास व अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। इतना ही नहीं नक्सली पर राज्य सरकार द्वारा घोषित 15 लाख का इनामी राशि भी उसके परिवार को जल्द ही चतरा पुलिस द्वारा सौंपा जाएगा।
नक्सली के सरेंडर कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त अबू इमरान, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार ने मुख्य धारा से भटके अन्य नक्सलियों से भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की। एसपी और कमांडेंट ने कहा कि जो नक्सली मुख्य धारा से भटक कर सरकार की योजनाओं को प्रभावित कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटने को लेकर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान पूरी तरह तैयार हैं।
वहीं, डीसी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने के बाद जिला प्रशासन नक्सलियों के आश्रितों को हर संभव सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें मदद करने को तैयार है ताकि जेल में रहने के बाद उनके परिवार भी आम लोगों की तरह ही जिंदगी जी सके। एसपी राकेश रंजन ने चेताते हुए कहा कि जो नक्सली सरेंडर नहीं करेंगे वह पुलिस की गोली खाने को तैयार रहे।
सरेंडर करने के बाद रीजनल कमांडर नवीन ने कहा कि अब माओवादी अपने उद्देश्य से पूरी तरह भटक चुके हैं। वह कम उम्र में जमीन के विवाद से तंग आकर संगठन में शामिल हो गया था लेकिन अब संगठन में कुछ नहीं रह गया है। सभी नक्सली अपनी जान की सुरक्षा के लिए भागे फिर रहे हैं। ऐसे में नक्सलियों के समक्ष अब एक ही रास्ता है कि वह सरेंडर करके सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठा ले। सरेंडर नहीं करेंगे तो आज नहीं तो कल वे मारे ही जाएंगे।