बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने अपने उस बयान पर शर्म करते हुए उसे वापस लेने का ऐलान कर दिया है, जिसमें उन्होंने महिला-पुरुष संबंधों की बात की थी। लेकिन नीतीश कुमार की कैबिनेट के मंत्री अभी भी उसी बयान को सही दिखाने की कोशिश में जुटे हैं। जदयू के मंत्रियों व नेताओं की कोशिश यही है कि वे यह साबित कर दें कि नीतीश कुमार ने जो कहा है, वह किताबी ज्ञान है। यही कारण था कि बिहार सरकार के मंत्री गुरुवार को विधानसभा में बायोलॉजी की किताब लेकर पहुंची। उन्होंने पत्रकारों को बताने का प्रयास किया कि नीतीश कुमार ने जो कहा वो तो किताब में भी लिखा है।
मीडिया के सामने 12वीं की बायोलॉजी की किताब दिखाते हुए बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और खाद्य उपभोक्ता मंत्री लेशी सिंह आईं। इस दौरान अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा के नेता विधानमंडल में जानबूझ कर हंगामा किया जा रहा है। जिस मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेरने का प्रयास किया जा रहा है, वो तो एनसीईआरटी की किताबों में उपलब्ध है। अशोक चौधरी ने हिंदी और अंग्रेजी में लिखी किताब का पेज नंबर भी बताया। ऐसे में जब एनसीईआरटी के बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है, तो उसी बात को सदन में कहने पर क्या आपत्ति है। इसके बाद अशोक चौधरी ने मुद्दे में आरक्षण जोड़ दिया और बताया कि नीतीश कुमार के बयान पर हंगामा का कारण आरक्षण दायरा बढ़ाना है।
मंत्रियों की इस बायोलॉजी की किताब लाने पर भाजपा की एमएलसी निवेदिता सिंह ने कहा कि बायोलॉजी की किताब ले आकर किसको समझा रहे हैं? सभी लोग पढ़लिख कर आए हैं। पढ़ाई तो नौवीं से ही शुरू हो जाती है। लेकिन जिन शब्दों का प्रयोग नीतीश कुमार ने किया था, अगर वो किताब में लिखा मिला तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी। निवेदिता सिंह ने आगे कहा कि सेक्स का विश्वविद्यालय खुलवा दीजिए और वीसी नीतीश कुमार बन जाएं। प्रिंसिपल अशोक चौधरी बन जाएं और सारे मंत्री प्रोफेसर बन जाएं, सेक्सुअल क्लास के। निवेदिता सिंह ने यह भी कह दिया कि अशोक चौधरी पहले घर में पढ़ लें और अपनी बहू-बेटी को पढ़वा लें।