बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सीएम नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच कड़वाहट के सारे बांध टूट गए। कुछ वक्त पहले तक नीतीश कुमार के साथ हमेशा रहने की कसम तोड़ महागठबंधन से अलग हुए मांझी पर नीतीश ऐसे बरसे कि कई दावे कर गए। इनमें एक दावा यह था कि नीतीश कुमार की कृपा से ही जीतन राम मांझी सीएम बने थे। इस दावे को पहले ही मांझी समर्थक झुठलाते रहे हैं और उनका कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी की शर्मनाक हार के कारण नीतीश ने सीएम की कुर्सी छोड़ी थी। किसी न किसी को तो सीएम बनना ही था, पार्टी ने मांझी का चयन किया। इसके बाद नीतीश कुमार के एक और दावे की हवा निकल गई है।
लालू के करीबी का इशारा, CM नीतीश पर निशाना
पूर्व मंत्री ने नीतीश को घेरा
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान यह भी कहा कि “आप ही लोग (भाजपा) के पीछे घूम रहा है। चाहता है गवर्नर बनना। साथ में था तो भी उलटा पुलटा बोलता था। इसको गवर्नर बनवा दीजिए।” इसके बाद सीएम ने यहां तक कह दिया कि “परिवार के लोग भी इसके (जीतन राम मांझी) खिलाफ हैं।” ऐसा लगा कि यह लाइन पूर्व मंत्री संतोष सुमन के लिए कही गई है, जो जीतन राम मांझी के बेटे हैं और मांझी के महागठबंधन से बाहर निकलने की सूरत में उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर जाना पड़ा। लेकिन संतोष सुमन ने नीतीश कुमार को घेर कर उनका दावा झूठा कर दिया है।
हम (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री संतोष सुमन ने कहा है कि “अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह सोचते हैं कि उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, इसलिए उनकी हर बात को वे मानेंगे और हमेशा दब के रहेंगे, यह बिल्कुल गलत सोच है। क्योंकि मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी इतनी प्यारी है कि वह इस कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं।”
संतोष सुमन ने आगे कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद हम पार्टी सरकार को हर मोर्चे पर घेरेगी। मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार को हटाना है, इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलायेगी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार को माफ नहीं किया जाएगा।”